महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा शहर में किए जा रहे सड़क रेस्टोरेशन कार्यों के क्रम में वर्षाकाल के दौरान या अन्य सड़क पर गड्ढे होने से नागरिकों को होने वाली परेशानी से बचने के उद्देश्य से भंडारी मिल तिराहा पर पर्यावरण हितैषी नवीन तकनीक के माध्यम से किए जा रहे सड़क पैचवर्क रेस्टोरेशन कार्य का अवलोकन किया गया।
इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी, विधायक गोलू शुक्ला, जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौड़, झोन अध्यक्ष गजानंद गावड़े, पार्षद सुरेश टाकलकर, अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, सिटी इंजीनियर डी आर लोधी, नरेश जायसवाल, नेचुरल सीमाको प्राइवेट लिमिटेड के पल्लवी बड़जात्या, राजेश चौधरी एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
महापौर भार्गव द्वारा नवीन तकनीक से किए जा रहे सड़क रेस्टोरेशन कार्यों का अवलोकन करते हुए संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि से रेस्टोरेशन कार्य एवं गुणवत्ता के संबंध में जानकारी ली गई, इस संबंध में महापौर जी द्वारा संबंधित अधिकारियों को सड़क मरम्मत कार्य की गुणवत्ता स्टैथ एवं कार्य की लागत के संबंध में अन्य कंपनी के लागत एवं गुणवत्ता कि तुलना में वित्तीय भार एवं जोखिम के संबंध में जानकारी लेने के भी निर्देश दिए गए।
विदीत हो की सड़क रेस्टोरेशन कार्य में संलग्न नेचुरल सीमा को प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नवीन टेक्नोलॉजी के माध्यम से कार्य किया जा रहा है जिसके तहत कंप्लीट पीमिक्स पदार्थ में पानी मिलाया जाता है और रेस्टोरेशन के स्थान पर डाला जाता है जो कि 2 से 4 घंटे के अंदर कंप्लीट फिक्स हो जाता है। इको फ्रैण्डली सिस्टम से गड्ढे भरने का ट्रायल किया गया। इस सिस्टम की विशेषता यह है इसमें इस्तेमाल होने वाला सीमेंट स्पेशल केमिकल वाला है जो दो घंटे में ही सूख जाता है। इससे सड़क का दुरस्त हिस्सा दो घंटे बाद ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस तकनीक के माध्यम से सबसे पहले गड्ढे का उखड़ा हुआ मटेरियल बाहर निकाला जाता है, इसके बाद जो कंकड़, पत्थर को भी निकालकर गड्ढे को साफ किया जाता है ताकि बेस तैयार हो जाए।, फिर गड्ढे के अंदर भी जो छोटे-बड़े गड्ढे हैं उसे भरने के लिए कंपनी द्वारा तैयार मटेरियल का उपयोग किया जाता है। इसके लिए 25 किलो के मटेरियल में ढाई लीटर लिक्विड मिलाकर कोठी में मटेरियल तैयार किया जाता है। इसमें डामर का उपयोग नहीं होता। खास बात यह इसमें कंपनी द्वारा बनाया गया स्पेशल इको फ्रेण्डली सीमेंट (पॉलीमर स्ट्रेंथ वाला) मिक्स किया जाता है। फिर इलेक्ट्रॉनिक मिक्सर से इसे तैयार कर लेते हैं।
मटेरियल को गड्ढे में भरकर मजदूरों द्वारा समतल (प्लास्टर ) किया जाता है। इस सीमेंट की खासियत यह है कि दो घंटे में सूख जाता है और तरी नहीं करनी पड़ती। इसके बाद सड़क का हिस्सा ट्रैफिक के लिए उपयोग किया जा सकता है।