पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों में टीएमसी ने बड़ी जीत हासिल की. लेकिन वहीं दूसरी ओर नतीजों में नंदीग्राम से ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी की कड़ी टक्कर देखने को मिली. जिसमें ममता बनर्जी को हार का सामना करना पड़ा.
नतीजों का परिणाम आने के बाद यह साफ़ नहीं हो स्का की नंदीग्राम से कौन जीता है. लेकिन नतीजों के बाद शाम को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ममता बनर्जी ने खुद अपनी हार स्वीकार की.
इन सबके बीच तृणमूल कांग्रेस के एक ट्वीट ने नंदीग्राम में जीत-हार को और भी ज्यादा भ्रामक बना दिया. जब पार्टी की ओर से कहा गया कि अभी मतगणना जारी है. अगर ममता बनर्जी नंदीग्राम से हार चुकी हैं तो ये सवाल उठता है कि क्या ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी रहेंगी? हालांकि चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि वह निश्चित रूप से एक बार फिर पश्चिम बंगाल की कमान अपने हाथ में लेंगी.
आर्टिकल 164 के मुताबिक, एक मंत्री जो लगातार छह महीने तक किसी राज्य के विधानमंडल का नहीं होता है, वह इस समय सीमा के खत्म होने के बाद मंत्री नहीं बन सकता. इसका मतलब है कि ममता बनर्जी के पास सांसद बनने के लिए 6 महीने का समय है. पश्चिम बंगाल में क्योंकि विधान परिषद नहीं है ऐसे में ममता बनर्जी को 6 महीने के अंदर किसी खाली सीट से नामांकन दाखिल करना होगा और उप-चुनाव जीतकर सांसद बनना होगा