जल संसाधन मंत्री सिलावट द्वारा भंवरासला तालाब का निरीक्षण, कार्यों को शीघ्र पूरा करने के दिये निर्देश

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इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत सांवेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भंवरासला तालाब को उपयोगी बनाने और उसकी जल क्षमता बढ़ाने के लिए तालाब के गहरीकरण व सौंदर्यीकरण कार्य की घोषणा की गयी थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार जल संवर्धन एवं जल स्रोतों के संरक्षण के अंतर्गत भंवरसला तालाब का विकास कार्य लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से होने जा रहा है।

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने निर्देश दिये है कि भंवरासला तालाब के जीर्णोद्धार व विकास कार्य शीघ्र पूरा तथा रेवती पहाड़ी पर रौपे गए पौधों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने आज नगर निगम के अधिकारियों के साथ भंवरासला तालाब का निरीक्षण किया। इस दौरान नगर निगम आयुक्त श्री शिवम वर्मा, अपर आयुक्त दिव्यांक सिंह, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, अभय राजनगांवकर, श्यामेन्द्र जायसवाल, कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव, अधीक्षण यंत्री डी.आर. लोधी, आर.एस. देवड़ा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सिलावट एवं आयुक्त नगर निगम श्री वर्मा द्वारा भंवरासला तालाब के किनारे पौधारोपण भी किया गया।

इस अवसर पर तालाब और उसके आस-पास की स्थिति का अवलोकन करते हुए, तालाब की जल आवक, जल प्रदाय चैनल की सफाई करने के साथ ही तालाब में वर्षाजल के अधिक से अधिक संग्रहण के निर्देश दिये गये। निरीक्षण के दौरान जलप्रदाय चैनल व तालाब के आस-पास से अतिक्रमण हटाने, तालाब के जीर्णोद्धार व समग्र विकास कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये गये। इनसाईड प्लीचिंग करने, फुटवे निर्माण करने, तालाब के चारों ओर पथ निर्माण, तालाब क्षेत्र को इकोफ्रेण्डली बनाने, तालाब की सुरक्षा हेतु तालाब किनारे रैलिंग लगाने, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये गये।

इसके साथ ही मंत्री सिलावट एवं आयुक्त श्री शिवम वर्मा द्वारा भंवरासला तालाब के किनारे बने मंदिर के पास घाट निर्माण करने, तालाब के किनारे व पाल पर वृहद स्तर पर पौधारोपण करने के साथ ही तालाब पर आने वाले वाहनों के लिये पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये गये। साथ ही रेवती पहाड़ी पर रोपे गए पौधों का भी निरीक्षण किया तथा उनकी सुरक्षा व रखरखाव हेतु बाउंड्री वॉल व फेंसिंग लगाने के भी आवश्यक निर्देश दिए ताकि मवेशी से पौधौ को नुकसान से बचाया जा सकें।