मौजूदा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष पहले पत्रकारिता जगत में थीं। भारतीय राजनीति पर उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। एक इंटरव्यू में बुधवार को उन्होंने इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी में अंतर पर बात की। इसके अलावा उन्होंने इंदिरा की इमरजेंसी और मोदी की अघोषित इमरजेंसी पर भी अपने विचार रखे।
बुधवार को एक प्रोग्राम में सागरिका ने अपने करियर में बदलाव से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के बारे में भी बात की। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘अघोषित इमरजेंसी’ पर भी सवाल उठाए।
दरअसल, इंदिरा गांधी की ओर से लगाई गई इमरजेंसी पर घोष ने कहा कि ‘इंदिरा गाँधी ने चुनाव आयोजित कराया, वह चुनाव हार गईं और वह अपना बोरिया-बिस्तर बांध कर चली गईं। 21 महीनों के लिए उन्हीने इमरजेंसी लगाई थी और जनता ने उन्हें इसकी सजा दी। अगर इंदिरा गांधी तानाशाह होतीं तो चुनाव क्यों बुलातीं। लेकिन पिछले 10 साल से नरेंद्र मोदी सरकार अघोषित इमरजेंसी चला रही है।
आगे उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा की गर आप इमरजेंसी का विरोध करते हैं, 1975 की इमरजेंसी के खिलाफ हैं तो आप खुद इमरजेंसी लागू क्यों कर रहे हैं। आपके खुद के अंदर इमरजेंसी का माइंडसेट है।