दौर शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में आज अक्षय बम के आयडलिक कॉलेज मे हुए पेपर लीक कांड में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर आज देवी अहिल्या विश्वविद्यालय एवं पुलिस विभाग उपयुक्त कार्यालय रानी सराय का घेराव कर अलग-अलग दो ज्ञापन दिए गए। पहला ज्ञापन कुलपति श्रीमती रेणु जैन को दिया गया,दूसरा ज्ञापन पुलिस उपायुक्त श्री पंकज पांडे को पुलिस कमिश्नर के नाम रानी सराय पुलिस कार्यालय पर दिया गया।
इस दौरान कुलपति महोदय से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की पूरे मामलों को लेकर तीखी बहस हुई,पूर्व मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा ने कुलपति जी से कहा की देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को अर्थदंड देने का अधिकार नहीं है जांच कर दोषी पाए जाने पर न्यायालय को आर्थिक दंड देने का अधिकार है वही विश्वविद्यालय की कार्य परिषद को भी कोई अधिकार नहीं है कि वह इस मामले में निर्णय ले,आप सभी लोग बैठकर इस पूरे मामले की लीपापोती कर दी है।
वहीं शहर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने कहा कि एमबीए का एक ही पेपर लीक कांड की जानकारी उजागर हुई है जबकि कॉलेज संचालक अक्षय बम का कॉलेज मे आजतक जो परीक्षा संचालित हुआ है जितने पेपर की परीक्षा हुई है और कितने पेपर संबंधित थाने में रखे गए हैं इसकी भी जांच होना चाहिए।
इस पर कुलपति महोदय चुप हो गई,वहीं कॉलेज की मान्यता रद्द किए जाने की मांग भी की गई और और दोषी कॉलेज संचालक व प्राचार्य पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही गई।
इस दौरान बड़ी संख्या में अभिभाषक भी मौजूद थे और उन्होने भी कुलपति से चर्चा की,इस दौरान वकीलों से भी कुलपति महोदय की बहस हुई। इस पर कुलपति महोदय ने कहा कि हमने कॉलेज की मान्यता रद्द करने के लिए शासन को पत्र लिख दिया है वही अभी तक पुलिस की जांच रिपोर्ट नहीं आई है।
वहीं पुलिस उपायुक्त श्री पंकज पांडे जी ने ज्ञापन लेने के दौरान कहा है कि हम इस पूरे मामले की जांच कर रहे है जो भी दोषी और पाए जाएंगे उन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
ज्ञापन मे कहा कि आयडलिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट कॉलेज के संचालक अक्षय बम के निर्देशानुसार प्राचार्य आईडलिक कॉलेज उनके यहा विश्वविद्यालय से भेजे हुए परीक्षा के प्रश्नपत्र संबन्धित थानो में जमा नहीं करते थे,जबकि विश्वविद्यालय के प्रश्नपत्रो को संबन्धित क्षेत्रीय थाने में जमा करने के स्पष्ट नियम हैं,यह नियम का पालन करना प्राचार्य की जिम्मेदारी हैं केवल एक प्रश्नपत्र लीक हुआ हैं वह थाने में जमा नहीं करवाया गया,जबकि थाने के रोजनामचे से पता किया जाए कि इन्होनें पूर्व में हुई परीक्षाओं के कितने प्रश्नपत्र विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए थे,कि उन प्रश्नपत्रो को थाने में
जमा किया है कि नहीं इसकी संपूर्ण जांच पुलिस प्रशासन एवं विश्वविद्यालय द्वारा करनी चाहिए जांच का विषय हैं कि इस प्रकार की घटना से विश्वविद्यालय की छवि पूरे देश में कलंकित हुई और कई छात्रो का भविष्य अंधकार मय हुआ हैं वही विश्वविद्यालय का आर्थिक नुकसान भी हुआ हैं साथ ही मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने प्रदेश पेपर लीक होने वाले कॉलेजो के लिए 1 करोड़ का जुर्माना और 10 साल की सजा भी तय कर दी हैं,मगर विश्वविद्यालय ने मामूली दंड करते हुए कॉलेज को छूट दे दी हैं, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एमबीए का पर्चा लीक होने का मामला अब विश्वविद्यालय ने ठंडे बस्ते में डल दिया हैं रसूकदार कॉलेज का नाम जब पर्चा लीक कांड में आया तो मामले को रफा दफा कर दिया गया हैं आपने आगे बताया हैं कि,एम.बी.ए. के पेपर लीक मामले में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एमबीए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा का विगत दिनो में पेपर लीक हुआ था,इस संबन्ध में विश्वविद्यालय ने पुलिस थाना छोटी ग्वालटोली में एफआईआर दर्ज करवाई थी जिसमें पुलिस थाना छोटी ग्वालटोली द्वारा जांच के दौरान कॉलेज में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर आरोपी दीपक सोलंकी,जितेन्द्र नरवरिया,गौरवसिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उक्त घटना प्रिंसिपल के ऑफिस से पेपर के बंडल की सील को लोहे की स्केल से तोड़कर पेपर निकाले और मोबाईल से फोटो खिंचकर छात्रो को बेचे गए,विद्यालय जिसमें कॉलेज के संचालक अक्षय बम एवं कॉलेज प्राचार्या की भूमिका भी संदिग्ध हैं, इसलिए
पुलिस द्वारा इनको भी गिरफ्तार कर कढ़ी पूछताछ की जाए। बिना पुलिस जांच के विश्वविद्यालय ने अक्षय बम के कॉलेज पर केवल 5 लाख का जुर्माना एवं 03 वर्ष हेतु परीक्षा केन्द्र निरस्त किया हैं, जो कि अनुचित है, जब कॉलेज की प्राचार्य ने स्वयं गलती स्वीकारी है तो कॉलेज के संचालक अक्षय बम एवं प्राचार्य पर भी पुलिस प्रकरण दर्ज होना चाहिए,अक्षय
बम के कॉलेज से एमबीए के एक नहीं तीन पर्चे लीक हुए हैं,जिसकी जांच की जाना चाहिए इनके कॉलेज में कई धांधली चल रही हैं, वह भी जांच का विषय हैं, वही पर्चा लीक मामले में अक्षय बम के कॉलेज की भूमि का संदिग्ध हैं, इसलिए कॉलेज की मान्यता निरस्त की जाए इसके अलावा भविष्य में ऐसी घटना ना हो उसके लिए भी ठोस कदम उठाए जाए।_
_भाजपा के बड़े नेताओं के दबाव में कॉलेज संचालक अक्षय बम एवं प्राचार्य को मुख्य आरोपी नहीं बनाया जा रहा है, कॉलेज के कर्ता धर्ता अक्षय बम व प्राचार्य को विश्वविद्यालय एवं पुलिस ने इस कार्यवाही के दायरे से दूर रखा हैं, गलती को लेकर प्राचार्य ने विश्वविद्यालय को मामूली स्पष्टीकरण देकर अपना पलड़ा छाड़ लिया हैं, वही विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी प्रशासन एवं भाजपा सरकार के दबाव में केवल कॉलेज पर 5 लाख रूपये का
दण्ड एवं 3 वर्ष हेतु परीक्षा केन्द्र निरस्त किए हैं, वही दोनो को आरोपी नहीं बनाया गया हैं, क्योंकि विश्वविद्यालय में पेपर के बंडल परीक्षा केन्द्रो पर पंहुचते हैं, वहा से थाने पहुंचाए जाते हैं और पेपर शुरू होने से आधा घंटा पहले परीक्षा केन्द्रो पर लाया जाता हैं, आईडलिक कॉलेज ने पेपर मिलने के बाद उन्हें थाने में जमा कराने का नियम हैं, मगर नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए पेपर अपने पास कॉलेज में रख लिए। इस मामले में कॉलेज संचालक अक्षय बम एवं प्राचार्य की भूमिका भी संदिग्ध हैं, दोनो दोषी हैं क्योंकि यह पूरी प्रक्रिया कॉलेज संचालक प्राचार्य की जानकारी में होती हैं, संचालक व प्राचार्य ने नियमो का उल्लघंन किया हैं, उन्हें भी आरोपी बनाया जाए केवल प्रशासन व पुलिस ने कॉलेज के कर्मचारियो व उनके पियादो को ही मुलजिम बनाया हैं, वही विश्वविद्यालय को चाहिए कि कॉलेज की मान्यता तो रद्द की ही जाए वही विश्वविद्यालय इस पूरे प्रकरण को कॉलेज संचालक अक्षय बम एवं कॉलेज प्राचार्य के खिलाफ भी पुलिस प्रकरण दर्ज करवाया जाए। आज दिनांक तक छोटी थाना ग्वालटोली में विश्वविद्यालय में जो प्रकरण दर्ज करवाया था उसकी जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई हैं, वह जांच रिपोर्ट भी शीघ्र ही विश्वविद्यालय एवं पुलिस प्रशासन उसका खुलासा करें। कहा की अक्षय बम को एवं कॉलेज प्राचार्या को संदिग्ध भूमिका को देखते हुए उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की जाए और इस संबन्ध में मुकदमा दर्ज किया जाए।
घराव में मुख्य रूप से पूर्व मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा,पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष श्री कृपाशंकर शुक्ला,श्री विनय बाकलीवाल,कार्यवाहक अध्यक्ष अरविंद बागड़ी,अनिल यादव,राजेश चौकसे,रघु परमार,राकेश सिंह यादव,संतोष गौतम,प्रितिस दास,पप्पू मालवीय,सन्नी राजपाल,संजय बाकलीवाल,तेजप्रकाश राणे,विवेक खंडेलवाल,जोहर मानपुरवाला,मुकेश ठाकुर,जगदीश जाम्बेकर,हिमांशु यादव,पुखराज राठौर,फुल सिंह कुवाल,कमलेश पटेरिया,अफसर पटेल,जावेद खान,विकास जोश,प्रहलाद महावर,दानिश खान,किशोर डोंगरे,मिथुन यादव,सुरेंद्र सिंह शेर,रवि यादव,दिनेश कुशवाहा,दीपक सोनवाने,सौरव वर्मा,यशपाल गहलोत,पीके उपाध्याय,संजय शुक्ला,लखन यादव,विशाल चतुर्वेदी,कमलेश पाठक,रविकांत सैनी,लोकेश सोलंकी,उदित राज कुन्हरे,दीपक यादव,स्वराज यादव,जितेंद्र पाटील,शाहरुख खान,जितेंद्र यादव,दिलीप ठक्कर,अजय शर्मा,हरीश पटेल,अभिषेक दुरान,सुनील अवधिया,पंकज प्रजापत आदि सहित बड़ी संख्या मे कांग्रेसजन मौजूद थे।
ज्ञापन का वाचन तेजप्रकाश राणे ने किया,कार्यक्रम का संचालन जोहर मानपुरवाला ने किया एवं अंत में आभार विवेक खंडेलवाल ने माना।