शिवपुरी : मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक अनोखी शादी ने सबका ध्यान खींचा है। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर, स्विट्जरलैंड के मार्टिन और जर्मनी की उलरिके ने भारत की प्राचीन सनातन संस्कृति के अनुसार वैदिक विवाह रचाकर सबको अचंभित कर दिया।
स्पेन में हुई एक यादगार मुलाकात ने इन दोनों के दिलों को जोड़ दिया। मार्टिन, जो एक लीगल ऑडिट कंपनी में अधिकारी हैं, पिछले पांच साल से भारत के जाने-माने आध्यात्मिक गुरु डॉ. रघुवीर सिंह गौर से जुड़े हुए हैं। उलरिके, एक नर्स, भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता से काफी प्रभावित हैं। दोनों ने मिलकर भारत में शादी करने का फैसला किया और गुरुजी के आशीर्वाद से यह सपना साकार हुआ।
शिवपुरी में हुआ वैदिक विवाह
शिवपुरी के नक्षत्र गार्डन में संपन्न हुए इस विवाह समारोह में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। इस विवाह ने एक बार फिर साबित किया कि प्यार और संस्कृति की कोई सीमा नहीं होती। मार्टिन और उलरिके की शादी ने भारत और विदेशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक नया उदाहरण पेश किया है।
क्यों चुना भारत?
मार्टिन और उलरिके दोनों ही भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से गहराई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि भारत की प्राचीन परंपराएं और रीति-रिवाज उन्हें बेहद पसंद हैं। इसलिए उन्होंने अपनी शादी भारतीय रीति-रिवाज से करने का फैसला किया।
दूल्हे मार्टिन का कहना है कि मेरी मुलाकात उलरिके से स्पेन में हुई। गुरुजी से पांच साल से जुड़ा हूं। भारत आकर उनसे मुलाकातें की हैं। शादी के समय तीसरी बार भारत आया हूं। मुझे चर्च में शादी उचित नहीं लगी। मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी गुरुजी का आशीर्वाद था। उनसे मेरी शादी के लिए बातचीत हुई तो उन्होंने भारतीय संस्कृति के बारे में बताया, जिससे मैं प्रभावित हुआ और हिंदू परंपरा से शादी करने को तैयार हो गया। भारतीय संस्कृति को जानने के लिए गुरुजी ने मुझे मेहर बाबा की किताब दी।
वहीं दुल्हन उलरिके ने बताया कि मैं सोशल मीडिया के जरिए गुरुजी से जुड़ी। मुझे भारत के बारे में जाना। उनके आध्यात्मिक प्रवर्वचनों से प्रेरित हुई। भारतीय संस्कृति में रुचि बढ़ी। टीवी पर हिंदू रीति से हुई शादी देखी। गुरुजी के माध्यम से मार्टिन से स्पेन में छुट्टियों में मुलाकात हुई और प्रेम हो गया। गुरुजी ने शादी को अंजाम तक पहुंचाया।
शक्तिपात के विशेषज्ञ गुरुजी डॉक्टर रघुवीर सिंह गौर ने आगे बताया कि मार्टिन खुद योग गुरू हैं। ये मुझसे प्रभावित हुए। भारत आकर मुझसे मिले।लड़की भी मिलने आई। यहां के जीवन को चर्चा होती थी तो ये सोलह संस्कार से प्रभावित हुए। इनका ये प्रेम विवाह है। इन्हें परिणय संस्कार अच्छा लगा, क्योंकि इसकी साक्षी अग्नि होती है। चूंकि इन्होंने मुझे गुरु मान लिया था, इसलिए वैदिक हिंदू रीति से मेरे सानिध्य में शादी की।