FPO के लिए एक समेकित वेब पोर्टल बनाया जाना था, जो आज तक नहीं बना

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सबसे पहले प्रबंध निदेशक (MD) SFAC को FPO की जरूरतों के प्रति संवेदनशील और उन्मुख बनाए जाने की जरूरत है। SFAC (Small Farmers Agribusiness Consortium)भारत सरकार के कृषि मंत्रालय का एक उपक्रम है, जो सहकारी अधिनियम मे पंजीकृत है। इसके प्रबंध निदेशक (एमडी) जो इस संस्था के प्रमुख है आम तौत पर कोई आईएएस अधिकारी होता है जिसको अतिरिक्त प्रभार के रूप मे एसएफ़एसी का भी प्रभार दे दिया जाता है। एक साथ कई विभागो का प्रभार संभालने के चक्कर मे एसएफ़एसी के कार्यों की तरफ एमडी का ज्यादा ध्यान देना मुश्किल है, और जब ध्यान और ज्ञान अधूरा हो, तो कार्य भी अधूरा रहेगा।

एसएफ़एसी की बात करें तो इस संस्था को केंद्र सरकार के 10000 एफ़पीओ योजना के केन्द्रीय कार्यान्वयन संस्था के रूप मे नामांकित है, और ज़िम्मेदारी दिया गया है। एसएफ़एसी की ज़िम्मेदारी थी की एक NPMA (राष्ट्रिय परियोजना प्रबंधन संस्थान) का चुनाव करना, और फिर उसके बाद 10000 एफ़पीओ योजना के विभिन्न घटको के कार्य एनपीएमए से करवाना। खेद की बात है की एनपीएमए को दिये गए जिम्मेदारियों मे से एक ज़िम्मेदारी भी इसने पूरा नहीं किया। वर्ष 2021 मे योजना प्रारम्भ होने से पहले
पूरे परियोजना का एक डीपीआर बनाया जाना था, जो आज तक नहीं बना।

केंद्र सरकार के 10000 किसान उत्पादक संघठन (एफ़पीओ) गठन परियोजना वर्ष 2020-21 मे प्रारम्भ हुआ था, और उसमे लगभग 9000 एफ़पीओ का गठन हो चुका है। इस परियोजना को कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी मुख्य रूप से नाबार्ड और एसएफ़एसी (जो कृषि मंत्रालय का एक उपक्रम है) को दिया गया। एफ़पीओ बनाने और उसके विकास की ज़िम्मेदारी क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संघठन (सीबीबीओ) जो मूलतः को एनजीओ या कॉर्पोरेट है को दिया गया, और इस काम के लिए प्रति एफ़पीओ इन सीबीबीओ को रु 25 लाख का प्रावधान है।

भोपाल मे आधारित एक कृषि वैज्ञानिक शाजी जॉन ने नए बन रहे एफ़पीओ की वस्तु स्थिति जानने की कोशिश किया तो पता चला की इन एफ़पीओ की कोई भी जानकारी इंटरनेट पर पब्लिक डोमैन मे नहीं है। एसएफ़एसी ने अपने वैबसाइट पर उनके द्वारा बनाए गए एफ़पीओ की नाम, पते की सूची रखी है, आगे और कोई जानकारी नहीं है। नाबार्ड के साइट पर तो उनके द्वारा बनाए जा रहे एफ़पीओ की सूची तक नहीं है। एक एफ़पीओ एक्सपेर्ट के रूप मे शाजी जॉन व्यक्तिगत रूप से कई एफ़पीओ से संपर्क मे थे, और उनकी जानकारी अनुसार अधिकतर एफ़पीओ निष्क्रिय अवस्था मे है। एफ़पीओ के निदेशक मण्डल (बीओडी) को एफ़पीओ क्या है, उनको क्या करना है, उनको एफ़पीओ से जुड़कर क्या लाभ मिलेगा की कोई जानकारी नहीं है। जॉन के पास कई एफ़पीओ के बीओडी ने संपर्क कर कई प्रश्न पूंछे है जिसमे मुख्य रूप से बीओडी को यह जानना था की सीबीबीओ की भूमिका और जिम्मेदारियाँ क्या है। यह एक ज्वलंत प्रश्न है, और जब तक एफ़पीओ के निदेशक मण्डल को इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिलेगा, एफ़पीओ और सीबीबीओ मे सही समंजस्य नहीं बन सकता।

इसके लिए शाजी जॉन ने एक पुस्तिका बनाई है खास कर एफ़पीओ के लिए की कैसे वो आरटीआई के माध्यम से अपने सीबीबीओ की जानकारी नाबार्ड या एसएफ़एसी या कृषि मंत्रालय से प्राप्त कर सकते है। इस पुस्तिका मे नाबार्ड / एसएफ़एसी से सूचना का अधिकार (आरटीआई) द्वारा जानकारी प्राप्त करने की पूरी विधि चित्रों के साथ बताई है। जॉन के अनुसार परियोजना मार्गदर्शिका मे सीबीबीओ के 23 कर्तव्य एवं जिम्मेदारियाँ निर्धारित किया गया है, और सीबीबीओ ने इसमे से क्या पूरा किया की जानकारी प्राप्त करने के लिए एक 16 आरटीआई का सेट बनाया है। इन सोलह आरटीआई के माध्यम से एफ़पीओ को पूर्ण जानकारी मिल जाएगी की सीबीबीओ के कार्य क्या थे और एफ़पीओ के अधिकार क्या है, और कहाँ पर चूक हो रही है।

शाजी जॉन ने इस पुस्तिका के साथ इन सोलह आरटीआई के सेट का एमएस वर्ड की फ़ाइल भी मुफ्त डाउन लोड के लिए ऑनलाइन उपलब्ध कराया है। इनके अनुसार कोई भी एफ़पीओ ऑनलाइन जाकर इस 16 आरटीआई के सेट को डाउनलोड कर सकते है, और इसमे अपने एफ़पीओ का नाम भर कर पीडीएफ़ मे सेव करें और साथ ही दो मिनिट मे उस फ़ाइल को आरटीआई के साइट पर अपलोड करें। यदि किसी को अपने एफ़पीओ की आरटीआई भरने मे कोई परेशानी हो रही हो, तो श्री शाजी जॉन से व्हात्सप्प पर संपर्क कर सकते है।  शाजी जॉन के अनुसार वो यह पूरा कार्य एक मिशन के रूप मे कर रहे है जिससे एफ़पीओ जागृत हो जाये और अपना अधिकार जाने। शाजी जॉन ने यह भी बताया की अपने एक शोध पत्र के लिए आरटीआई के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर रहे है, और इसके लिए रोज 50- 60 (3-4 एफ़पीओ) आरटीआई, एसएफ़एसी और नाबार्ड पर लगा रहे है।

उनका कहना है की वो जानते है की नाबार्ड और एसएफ़एसी को इन आरटीआई के जवाब देने मे बहुत परेशानी और तकलीफ होगी, लेकिन यह तकलीफ तब और बढ़ेगी जब देश का हर एफ़पीओ अपने अधिकार की जानकारी लेने के लिए जागृत हो जाएंगे। श्री जॉन के अनुसार देश का हर एफ़पीओ को जागृत होना आवश्यक है, और आज के टेक्नालजी के युग मे यह कोई मुश्किल काम नहीं है, और सबसे आसान और कारगर तरीका यही है की सारे एफ़पीओ को आरटीआई लगाने सीखा दो ।

यदि कोई एफ़पीओ उनके लगाए आरटीआई की जानकारी शाजी जॉन से साझा करना चाहे तो उसका स्वागत है, एवं यदि कोई शोध संस्थान श्री शाजी जॉन द्वारा प्राप्त जानकारी का उपयोग करना चाहे तो इसके लिए शाजी जॉन ने उनके सारे आरटीआई, एवं प्राप्त उत्तर के फ़ाइल ऑनलाइन मे मुफ्त डौन्लोड के लिए उपलब्ध है।यदि कोई व्यक्ति/ संस्था एफ़पीओ के बीओडी के लिए आरटीआई प्रशिक्षण आयोजित करने मे इच्छुक है, इसमे श्री शाजी जॉन अपनी सेवाएँ मुफ्त देने के लिए तैयार है।

डाउन लोड लिंक निम्न है –
https://drive.google.com/drive/folders/1uVzk_ZCZgZwsZABa_iwlhSj_ehLfUjFW?usp=sharing