UGC ने मध्य प्रदेश के सात विश्वविद्यालयों को डिफ़ॉल्टर घोषित किया है। इस घोषणा के साथ ही, यूजीसी द्वारा जारी की गई डिफ़ॉल्टर यूनिवर्सिटी की सूची में कुल 108 राज्य विश्वविद्यालयों के नाम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, लगभग 47 निजी यूनिवर्सिटीज़ और दो डीम्ड यूनिवर्सिटीज़ भी डिफ़ॉल्टर सूची में शामिल हैं।
UGC द्वारा MP की 16 यूनिवर्सिटी को डिफॉल्टर घोषित किया गया हैं। जिसमे 7 सरकारी यूनिवर्सिटी और नौ प्राइवेट यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
MP की 7 सरकारी यूनिवर्सिटी डिफॉल्टर घोषित
★माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी भोपाल
★RGPV भोपाल
★म्यूजिक एंड आर्ट्स यूनिवर्सिटी
★मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर
★नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय
★राजा मानसिंह तोमर म्यूजिक एवं आर्ट यूनिवर्सिटी
★ राजमाता विजय राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय को डिफॉल्टर घोषित किया गया है।
ये प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी डिफॉल्टर
★आर्यावर्त यूनिवर्सिटी, सीहोर
★एलएनसीटी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, इंदौर
★मध्यांचल प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भोपाल
★ओरिएंटल यूनिवर्सिटी, इंदौर
★श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय, इंदौर
★स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी, सागर
★ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी, नीमच
★जेएनसीटी प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भोपाल
★अमलतास यूनिवर्सिटी, देवास
मामला क्या हैं?
दरअसल, यूजीसी के निर्देशानुसार सभी विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति जरूरी है। डिफॉल्टरों की सूची में शामिल विश्वविद्यालयों ने इस मानदंड का पालन नहीं किया। लोकपाल विश्वविद्यालयों में छात्रों की समस्याओं का समाधान करता है। हालांकि, माखनलाल यूनिवर्सिटी के कुलपति ने कहा है कि हमने लोकपाल नियुक्त कर दिया है। इस बारे में यूजीसी को सूचित किया जाएगा। वहीं, कुछ विश्वविद्यालय ऐसे भी हैं जिन्होंने नियुक्ति के बावजूद छात्रों को इसकी जानकारी नहीं दी है।