इंदौर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विश्व में सेमी-कंडक्टर और चिप-डिजाइन क्षेत्र के सिरमौर ताइवान के साथ देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर द्वारा शैक्षणिक और अनुसंधान संबंधी गतिविधियों के लिए किए जा रहे एमओयू से मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और निवेशकों के लिए प्रगति के नए द्वार खुलेंगे।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने ताइवान के छह अलग-अलग विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू किया है। राज्य सरकार की हरसंभव कोशिश होगी कि ताइवान के साथ प्रदेश के संबंध प्रगाढ़ हों और शासन स्तर पर एमओयू क्रियान्वयन में कोई कठिनाई नहीं आए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा टिकाऊ भविष्य के लिए पर्यावरण प्रबंधन विषय पर इंदौर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ कार्यक्रम को समत्व भवन भोपाल से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री की वर्चुअल उपस्थिति में इन्दौर में आई-शु यूनिवर्सिटी ताइवान तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए साथ ही विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद तथा भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया।
जैसे हम स्वयं की चिंता करते हैं वैसे ही ब्रह्मांड की चिंता करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि टिकाऊ भविष्य के लिए पर्यावरण प्रबंधन विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन वर्तमान परिदृश्य में बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी संस्कृति पर्यावरण के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए हमें प्रेरित करती है, हमारे वेद यह शिक्षा देते हैं कि जैसे हम स्वयं की चिंता करते हैं वैसे ही ब्रह्मांड की चिंता करें। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर नवाचार करने में अग्रणी रहा है इस उद्यमशीलता के लिए विश्वविद्यालय बधाई का पात्र है। पर्यावरण की दृष्टि से मध्य प्रदेश पर्याप्त संपन्न है। विश्व के सम्मुख मौजूद पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार भी हर स्तर पर प्रयास कर रही है। भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण और जन-जन में पर्यावरण की प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के अनेक बिंदु समाहित हैं।
इन्दौर में लगाये जायेंगे 51 लाख पौधे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्रम में राज्य सरकार ने साढ़े 5 करोड़ पौधे लगाने का प्रण किया है। इस अभियान में इंदौर में भी 51 लाख पौधे लगाए जाएंगे। प्रदेश में जल स्रोतों के संरक्षण के लिए एक पखवाड़े तक चलाया गया अभियान पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा और प्रदेशवासियों की सक्रिय सहभागिता सराहनीय रही। इन्दौर में आयोजित कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. इन्दर सिंह परमार, इन्दौर सांसद श्री शंकर लालवानी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलगुरु डॉ. रेणु जैन, आई-शु यूनिवर्सिटी ताइवान के प्रेसिडेंट डॉ. कुआंग तथा अन्य अधिकारी व विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे।