परीक्षा नतीजों में कथित धांधली के आरोपों के चलते नेशनल टेस्टिंग एजेंसी इन दिनों खूब चर्चा में है। एनटीए चेयरमैन भी सुर्खियों में हैं। दरअसल नीट परीक्षा में हुई धांधली के लिए जांच के लिए जो कमेटी बनाई गई है, उसके चेयरमैन एनटीए अध्यक्ष को ही बनाया गया। एनटीए के प्रमुख हैं रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. प्रदीप जोशी। हालांकि यह कोई पहला मामला नही है, एमपीपीएससी में प्रोफेसर घोटाले को लेकर भी उनपर सवाल उठ चुकें है। इतना ही नही जोशी का संघ परिवार से पुराना नाता बताया जाता है। खुफिया रिपोर्ट में बताया गया अटल बिहारी, मुरली मनोहर जोशी से भी संबंध
जोशी 2006 में अध्यक्ष बने थे
बता दें जोशी 2006 में अध्यक्ष बने थे। इस दौरान प्रोफेसर घोटाले का मामला खूब तुल पकड़ा था , 2011 तक अध्यक्ष रहते हुए 350 प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए 54 लोगों को मानकों से परे नियुक्त कर लिया गया था। जिसका आरोप जोशी पर ही लगा था। इसके करीब आठ साल बाद आरटीआई के जरिए प्राप्त जानकारी के हवाले से दावा आरएसएस के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रचारक विनोदजी ने सिफारिश की थी। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे के अनुसार डॉ. जोशी के लिए सिफारिस की गई थी।
जोशी छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष बने
डॉ. जोशी पांच साल तक एमपीपीएससी में अध्यक्ष रहने के बाद छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष बन गए थे। तब उनकी नियुक्ति को अजय दुबे ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। यह कहते हुए कि जोशी को संभावित उम्मीदवारों का पैनल बनाने या किसी भी प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त किया गया था। और राजनीतिक पहचान के कारण हुई है।
यूपीएससी के अध्यक्ष भी रहे
तरक्की की राह पर आगे बढ़ते हुए एनटीए चेयरमैन (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी 12.5.2015 को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य बने थे। बाद में वह यूपीएससी के अध्यक्ष बन गए। इतना ही नही वह डॉ. जोशी ने राष्ट्रीय शिक्षा योजना एवं प्रशासन संस्थान मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, के निदेशक के रूप में भी काम किया।