14 लाख आंगनवाड़ियों में सुधार करने के लक्ष्य के तहत, नंद घर ने अभिनेता मनोज बाजपेयी के साथ पूरे देश में एक विशेष कैंपेन की शुरुआत की है, जिसका शीर्षक है “अगर बचपन से पूछा खाना खाया, तो देश का कल बनाया। ” नंद घर द्वारा चलाए जा रहे इस कैंपेन का उद्देश्य भावी पीढ़ी को पोषित करना है, जिसमें समग्र स्वास्थ्य देखभाल, गुणवत्तापूर्ण पोषण और बच्चों को सर्वोत्तम प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान करना शामिल है।
इस मुहिम में शामिल होने पर मनोज बाजपेयी का स्वागत करते हुए, अनिल अग्रवाल, चेयरमैन, वेदांता, ने कहा, “प्रोजेक्ट नंद घर पूरे देश में बच्चों और महिलाओं को स्वस्थ और सुपोषित रहने में मदद करने पर केंद्रित है। मनोज बाजपेयी जी का इस महत्वपूर्ण मुहिम से जुड़ना हमारे लिए गर्व का विषय है। उनके निजी जीवन के अनुभव भावी पीढ़ियों के जीवन को बेहतर और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, जो कि नंद घर के उद्देश्य के साथ बखूबी मेल खाते हैं।”
उक्त मुहिम के लॉन्च के दौरान, मनोज बाजपेयी ने बतौर युवा थिएटर अभिनेता अपनी कहानी साझा की। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे उनके दोस्तों ने नियमित और पौष्टिक भोजन के माध्यम से उनके सपनों को पूरा करने में मदद की। बाजपेयी ने कलाकारों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में भावुकता से बात की और इस बात पर ज़ोर या कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए पर्याप्त भोजन करना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने लोगों को www.nandghar.org पर जाकर दान, स्वयंसेवा या साझेदारी के माध्यम से योगदान करके नंद घर का समर्थन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
नंद घर के साथ जुड़ने को लेकर उत्साहित, श्री मनोज बाजपेयी ने कहा, “व्यक्तिगत तौर पर भूख की पीड़ा से गुज़रने के कारण मेरा मानना है कि जो व्यक्ति भूख का सामना करता है, उसका शरीर, मस्तिष्क और भावनाएँ काफी प्रभावित होती हैं। इसके समाधान के रूप में प्रोजेक्ट नंद घर जैसी पहलें बेहद कारगर हैं। यह सिर्फ यही सुनिश्चित नहीं करती है कि बच्चों को उचित पोषण मिले, बल्कि यह उज्जवल भविष्य के रूप में आशा और अवसर भी लेकर आती है। आइए, नंद घर की इस पहल के माध्यम से हम सभी मिलकर बच्चों के बेहतर पोषण में योगदान दें और एक उज्जवल भारत की नींव रखें।”
मैककैन द्वारा परिकल्पित इस कैंपेन पर अपने विचार रखते हुए, श्री प्रसून जोशी, सीईओ और सीसीओ, मैककैन वर्ल्डग्रुप इंडिया, और चेयरमैन, एशिया पैसिफिक, ने कहा, “यदि हम चाहते हैं कि बच्चे अपनी वास्तविक क्षमता से रूबरू हों, तो उनके बेहतर पोषण पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। इसे उजागर करने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि आप भारत के कुछ सबसे लोकप्रिय व्यक्तियों की कहानियाँ साझा करें, जिन्होंने अपने जीवन में इस मुश्किल का खुद सामना किया है।”
नंद घर अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ़) का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है। चेयरमैन अनिल अग्रवाल के सपने को प्रखर रखते हुए, यह प्रोजेक्ट यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि कोई भी बच्चा भूखा न सोए। नंद घर के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि के रूप में, हम भारत के 14 राज्यों में स्थित सभी नंद घरों में न सिर्फ प्री-स्कूल्स की उपस्थिति का विस्तार करने, बल्कि कुपोषण के स्तर को कम करने में भी सफल रहे हैं। विगत वर्ष, आफ ने मल्टी-मिलेट न्यूट्री बार लॉन्च किया था। इसके तहत, वर्तमान में वाराणसी में 1364 आँगनवाड़ियों में 3 से 6 वर्ष की उम्र के बीच के 50,000 बच्चों को प्रतिदिन मल्टी-मिलेट न्यूट्री बार वितरित किया जा रहा है। इन बार्स में प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट सम्मिलित हैं, जो बच्चों के दैनिक पोषक तत्वों के स्तर को सुधारने और उनकी कमी को पूरा करने में मदद करते हैं।
खानाखायाक्या मुहिम का समर्थन करने वाली विश्वसनीय हस्तियों के साथ मिलकर, नंद घर देश के नागरिकों और संगठनों से भी इस पहल के साथ जुड़ने का आग्रह कर रहा है। यह हमारे देश के बेहतर कल के सपने को साकार करने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
नंद घर के बारे में:
नंद घर, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल है, जो देश के आंगनवाड़ी नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए बनाई गई है। 14 राज्यों में ~6000 नंद घर बने हैं, जो बदलाव और विकास में मदद कर रहे हैं। इनके माध्यम से अभी तक 2.25 लाख से अधिक बच्चों और 1.7 लाख महिलाओं को लाभ हुआ है। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमओडब्ल्यूसीडी) के सहयोग से बने ये नंद घर, आधुनिक आंगनवाड़ी हैं, जिनका लक्ष्य बच्चों में कुपोषण मिटाना, उन्हें प्री-प्राइमरी शिक्षा देना, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना और महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर सशक्त बनाना है। नंद घर के रूप में ये आधुनिक आंगनवाड़ी, पूरे देश में 13.7 लाख आंगनवाड़ियों के 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन को बदलने का लक्ष्य रखते हैं। नंद घरों में 24 घंटे बिजली सुनिश्चित करने के लिए सौर पैनल, वाटर प्यूरिफायर्स, साफ शौचालय और स्मार्ट टीवी जैसी सुविधाएं हैं। ये स्थानीय समुदायों के लिए एक आदर्श संसाधन केंद्र भी बन गए हैं। यहां 3-6 साल के बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा दी जाती है। बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पौष्टिक भोजन, मल्टी-मिलेट न्यूट्री बार्स और घर ले जाने का राशन दिया जाता है। मोबाइल हेल्थ वैन और टेलीमेडिसिन सेवाओं के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं, और महिलाओं को कौशल और उद्यम विकास के माध्यम से सशक्त बनाया जाता है।
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के बारे में:
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन वेदांता की सामुदायिक और सामाजिक पहलों के लिए एक मुख्य संगठन है। यह संस्था स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, पशु कल्याण प्रोजेक्ट्स तथा खेलों से जुड़ी पहलों पर काम करती है। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन का लक्ष्य स्थायी और समावेशी विकास के जरिये समुदायों को सशक्त बनाना, लोगों के जीवन को बेहतर बनाना और राष्ट्र निर्माण में मदद करना है। फाउंडेशन ने अगले पांच वर्षों में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों पर 5000 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है।