इन्दौर : जैन धर्म में आहार व दान के साथ ही नवधा भक्ति का अपना महत्व होता है। जीवन में जितना भी पुण्य आपके पास है उसे और आगे बढ़ाना चाहिए। हमारे संस्कार ही अगले जन्म में हमारे साथ जाते हैं। स्वाध्याय व तप के साथ दान करना भी जरूरी होता है। मुनिश्री ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि जिस देश की युवा पीढ़ी धर्म और संस्कृति को बचाने के संकल्प में लीन हो जाए तो उस राष्ट्र के उत्थान को कोई भी शक्ति नहीं रोक सकती।
धर्म के माध्यम से ही हम चारों गतियों को प्राप्त कर सकते हैं। उक्त विचार छत्रपति नगर स्थित दलालबाग में आयोजित सात दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव के दौरान मुनिश्री अनन्त सागर जी महाराज ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। रविवार को पंच कल्याणक महोत्सव में भगवान आदिनाथ जी के दीक्षा कल्याणयक के बाद आहार विधि भी हुई।
श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट एवं पंचकल्याणक महोत्सव समिति मुख्य आयोजक सचिन सुपारी ने बताया कि मुनिश्री विमल सागर एवं अनन्त सागर महाराज के सान्निध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य विनय भैय्या, अनिल भैय्या, अमित जैन (वास्तुविद) के निर्देशन में पात्र शुद्धि, अभिषेक शांतिधारा, नित्मह पूजन, तप कल्याणक पूजन, शान्ति हवन की सभी विधियां संपन्न की गई. प्रात: 8.30 बजे नवदीक्षित महामुनिराज की आहारचर्या का क्रम चला। दोपहर 1 बजे ज्ञान कल्याणक की आंतरिक संस्कार संपन्न हुए। रविवार को ज्ञान कल्याणक की शांतिधारा करने का सौभाग्य सचिव-स्वीटी जैन परिवार एवं प्रवीण अर्चना जैन परिवार को प्राप्त हुआ। वहीं महाआरती करने का सौभाग्य छत्रपति नगर की सभी बालिकाओं को मिला। शाम 6.30 बजे नूतन जिनालय महाआरती भी इस अवसर पर की गई। महोत्सव में प्रकाशचंद्र जैन, रमेशचंद्र जैन, राजकुमार रसिया, डॉ. जिनेन्द्र जैन, राजेश जैन दद्दू, रमेशचंद्र जैन (51नंबर स्कीम), कमल चैलेंजर, भूपेंद्र जैन, जिनेश जैन सहित हजारों की संख्या में समाज बंधु उपस्थित थे।
लेजर शो के माध्यम से बताया विद्या सागर महाराज का जीवन
दलालबाग में रविवार को 7.30 बजे दिगंबर जैम समाज बंधुओं के लिए आचार्य श्री विद्या सागर महाराज के जीवन पर आधारित लेजर शो का आयोजन किया गया। जिसमें आचार्यश्री की दिनचर्या सहित उनके विहार से जुड़ी जानकारी लेजर शो के माध्यम से बताई गई।
यह हैं महोत्सव के मुख्य पात्र
रोहित-पारूल रसिया (सौधर्म इंद्र), अतुल-प्रिया जैन (माता-पिता), विपुल-नीलम बांझल (धनपति कुबैर), सत्येंद्र-रागिनी जैन (महायज्ञनायक), विधि यज्ञनायक (नवीन-शिल्पी जैन), सचिन-स्वीटी जैन (राजा श्रेंयास), दिलीप-सारिका जैन (राजा सोमा) को पंचकल्याणक महोत्सव में मुख्य पात्र बनाए गए हैं। वहीं इसी के साथ 600 इंद्र-इंद्राणी प्रतिदिन पंचकल्याणक महोत्सव में सभी विधियां प्रतिष्ठाचार्यों के निर्देशन में संपन्न कर रहे हैं।
आज होगा सात दिवसीय महोत्सव का समापन
श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट एवं पंचकल्याणक महोत्सव समिति मुख्य आयोजक सचिन सुपारी ने बताया कि सोमवार 25 मार्च को मोक्ष कल्याणक महोत्सव के साथ पंचकल्याणक महोत्सव का समापन होगा। समापन पर पांच फीट की श्वेत वर्ण पाषाण की मुनि सुव्रतनाथ भगवान की प्रतिमा के साथ ही अन्य 15 तीर्थंकरों की प्रतिमा भी छत्रपति नगर स्थित नूतन जिनालय में विराजित की जाएगी।