उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा प्रचार में लाया गया बुलडोजर की कार्रवाई पर हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि घरों को तोड़ना एक फैशन बन गया है। मामले की सुनावई जज विवेक रुसिया कर रहे थे इस दौरान उन्होनें तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अब किसी भी घर को तोड़ना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन न करते हुए एक फैशन बन गया है।
ममला उज्जैन का है जहां राधा लांगरी और विमल गुर्जर नाम के दो लोगों के घरों पर
एमपी सरकार का बुलडोजर चला था। जिसमें के घरों को तोड़ा गया था। जिसके बाद दोनों ने इंदौर कोर्ट में याचिका डाली थी। कोर्ट ने दोनों को एक लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया।
आपको बता दें नगर निगम ने 13 दिसंबर 2023 को उज्जैन के संदीपनी नगर में राधा लांगरी और विमल गुर्जर के घरों को तोड़ने का नोटिस दिया लेकिन सुनावाई का मौका नहीं दिया और उनके घरों को तोड़ दिया गया। जिसके बाद उन दोनों ने हाई कोर्ट में याचिका डाली, जिस पर सुनवाई करते हुए जज विवेक रुसिया ने नगर निगम के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है।
इस दौरान न्यायमूर्ति विवेक रुसिया ने उज्जैन के अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि इन्होंने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन किए बिना तोड़फोड़ किया। रुसिया ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह मामला भी क्रिमिनल मामला है जो याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किया गया और बाद में तोड़फोड़ की गई।