प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज (11 फरवरी 2024) को इंदौर संभाग के झाबुआ के गोपालपुरा में जनजातीय महासम्मेलन में विशेष रूप से सम्मिलित होने पहुँच गए है। पीएम मोदी पहले इंदौर एयरपोर्ट पहुँचे, फिर वहां से झाबुआ के लिए रवाना हुए थे। इस वक़्त वह झाबुआ में जनजातीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश में लोकसभा चुनाव का आगाज कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले सभास्थल पर रथ पर सवार सभी का शुक्रिया अदा किया। इस दौरान उनके साथ राज्य के सीएम मोहन यादव भी मौजूद थे। इस दौरान पीएम मोदी के लिए सभास्थल में अस्थायी गैलरी बनाई गई। पीएम मोदी ने इन कार्यक्रम में 7550 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसके साथ कुछ प्रोजेक्ट का लोकार्पण भी किया।
पीएम मोदी ने सम्भोधन के दौरान कहा ‘अकेला कमल का निशान 370 पार करेगा। यह लाओगे कैसे? मैं आपको एक जड़ी बूटी देता हूं। आपको यहां से जाकर एक ही काम करना है। पिछले तीन चुनाव में आपके यहां पोलिंग बूथ में कमल पर कितने वोट पड़े, वो निकालो। यह लिख लो कि पिछले तीन चुनाव में इस पोलिंग बूथ पर सबसे ज्यादा वोट मिले थे। फिर आप तय करना कि अब जो ज्यादा से ज्यादा वोट बूथ में मिले थे, उसमें इस बार 370 नए वोट जुड़ने चाहिए। यानी पिछले से 370 वोट ज्यादा लाना है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अकेला कमल का निशान 370 पार करेगा। यह लाओगे कैसे? मैं आपको एक जड़ी बूटी देता हूं। आपको यहां से जाकर एक ही काम करना है। पिछले तीन चुनाव में आपके यहां पोलिंग बूथ में कमल पर कितने वोट पड़े, वो निकालो। यह लिख लो कि पिछले तीन चुनाव में इस पोलिंग बूथ पर सबसे ज्यादा वोट मिले थे। फिर आप तय करना कि अब जो ज्यादा से ज्यादा वोट बूथ में मिले थे, उसमें इस बार 370 नए वोट जुड़ने चाहिए। यानी पिछले से 370 वोट ज्यादा लाना है।’
इसके साथ पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की छुट्टी हुई थी, 2024 के लोकसभा चुनाव में सफाया होना तय है। उन्होंने आगे कहा कि बीते वर्षों में मध्य प्रदेश ने दो अलग-अलग दौर देखे हैं- एक डबल इंजन सरकार का दौर और दूसरा कांग्रेस के जमाने का काला दौर! कम उम्र के युवाओं को शायद याद भी नहीं होगा, आज विकास के रास्ते पर तेजी से दौड़ रहा मध्य प्रदेश भाजपा सरकार से पहले देश के सबसे बीमारू राज्यों में गिना जाता था।
पीएम ने कहा ‘मध्य प्रदेश को बीमारू बनाने के पीछे सबसे बड़ी वजह थी. गांव, गरीब और आदिवासी इलाकों को लेकर कांग्रेस का नफरत भरा रवैया! इन लोगों ने न कभी आदिवासी समाज के विकास की चिंता की न उसके सम्मान के बारे में सोचा। इनके लिए तो जनजातीय लोगों का मतलब केवल कुछ वोट होता था। इन्हें गांव, गरीब, पिछड़ा की याद तब आती थी, जब चुनाव की घोषणा होती थी।