मध्य प्रदेश में बजरंगबली पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा टैक्स लगाया गया था, जो उन पर ही भारी पड़ गया। इनकम टैक्स कमिशनर ने इस मामले में मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया है। हर इंसान को ईश्वर के सामने झुकना पड़ता है। ईश्वर के सामने झुकना पड़ता है। ईश्वर के सामने झुकना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है जहाँ अफसरों को हनुमान जी से हारना पड़ा।
नोटबंदी के दौरान इंदौर स्थित श्री रणजीत हनुमान मंदिर ने अपने चढ़ावे को गिनवा कर बैंक में जमा कराया था। आयकर विभाग ने ढाई करोड़ की चढ़ावे की राशि पर आयकर विभाग की नजर पड़ गई थी। जिसके बाद मंदिर को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक नोटिस जारी कर दिया की इतने सारे पैसे कहाँ से आए। मंदिर ने इसके जवाब में कहा है की यह भक्तों द्वारा प्रभु के लिए चढ़ावे की राशि है।
सख्ती बरतते हुए इस पर आईटी विभाग ने साढ़े तीन करोड़ रुपये का टैक्स लगा दिया था। रणजीत हनुमान मंदिर के बारे में उन्होंने कहा की यह न तो कोई पंजीकरण है और न ही ये कोई चेरिटेबल ट्रस्ट है। इनकम टैक्स कमिश्नर के पास जब यह पूरा मामला पहुंचा तो उन्होंने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए टैक्स माफ करने का आदेश दिया।