पहले पायदान पर बने रहने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा, सोच और उस सोच के सटीक क्रियान्वयन के लिए लगती है। हमारे भारी मुग़ालते के बीच सूरत हमारे बराबर आ गया। अगले वर्ष आगे निकल जाये तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए, और इसका एक प्रमुख कारण गन्दगी है।
गंदगी तो पूरे शहर में पसरी पड़ी है। छोटे छोटे मोहल्ले अगर छोड़ भी दें तो बड़े बड़े मोहल्ले तक गंदगी से पटे हुए हैं। हमारे सारे सरकारी अस्पताल तक बहुत ही गंदे हैं। सारे अधिकारी गाड़ियों में पूरे शहर में घूमते हैं पर उन्हें गंदगी नहीं दिखती। जानता भी लापरवाह हो चुकी है और भारी भरकम अर्थ दंड से ही सही राह पर आएगी। शहर के बाहर से आने वाले लोग, जिन में “विद्यार्थी” वर्ग प्रमुख है, वो शहर की व्यवस्थाओं का जमकर दोहन करते हैं और इंदौर की साफ़ सफ़ाई से इन्हें कुछ भी लेना देना नहीं है क्योंकि 2-3 वर्ष बाद अपनी पढ़ाई पूरी कर वैसे भी इन्हें कहीं और जाना है।
जगह जगह शराब पीने के बाद बोतल – कैन कहीं भी फेंकी हुई मिल जाएगी। कोई रोक टोक नहीं, कोई शर्म नहीं क्योंकि इन्हें शहर में कोई पहचानता ही नहीं। हाथ में बोतल लिए हुए ऐसे “विद्यार्थी” हर दिन एक ही दोपहिया पर 3-4 लोग लदे हुए सहज ही देखे जा सकते हैं क्योंकि इन्हें कोई कुछ नहीं कहता। ऐसे लोगों के वाहन कठोरता से जप्त करना चाहिए और अर्थ दंड भरने के बाद न्यायालय से ही वाहन छुड़वाया जाये, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।
आपको बता दें की इस सूचि में, गोवा का एयरपोर्ट देश का नंबर 1 एयरपोर्ट बन गया है। वहीं दूसरी तरफ इंदौर एयरपोर्ट गिरावट के बाद टाप पांच एयरपोर्ट की सूची से बाहर हो गया।