हरदा में एक पटाखा फैट्री में भीषण विस्फोट हुआ है। धमाका इतना भयानक था की 20 किलोमीटर दूर तक का इलाका दहल उठा है। हादसे के बाद देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। हादसे पर सीएम मोहन यादव ने उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दे दिए हैं। जानकारी के मुताबिक ‘फायर क्रैकर’ के नाम से यह फैक्ट्री राजू अग्रवाल की है। इतना ही नही अवैध रूप संरक्षित इस फैक्ट्री में इससे पहले भी दो हादसे हो चुकें है। जिसमें करीब करीब आधा दर्जन लोग इन हादसों में अपनी जान गवा चुकें हैं।
जानकारी के अनुसार इस फैक्ट्री में इससे पहले भी दो हादसे हो चुकें है। जिसमें एक में चार लोगों की जान गई तो दूसरे में दो लोगों को जान गवानी पड़ी थी। हालांकि जब प्रशासन द्वारा कर कार्रवाई की गई तो राजू अग्रवाल ने अपने घर पर अवैध पटाखा बनाना शुरू कर दिया था। हालांकि इसके बाद राजू अग्रवाल को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। बावजूद इसके यहां फैक्टरी संचालित होती रही है।
वहीं लोकल रहवासियों की माने तो राजू अग्रवाल को हरदा के ही एक कद्दावर नेता का संरक्षण मिला हुआ है। यही कारण है कि हादसों के बाद कार्रवाई तो हुई, लेकिन उसके अवैध पटाखा निर्माण की फैक्टरी कभी बंद ही नहीं हुई। वही इस हादसे के बाद से राजनीति गरमा गई है। सवाल उठने लगे है कि अगर इन हादसों को संज्ञान में लिया जाता तो 6 फरवरी को इतना भीषण हादसा ना होता ।
हादसे पर प्रशासन सक्रिय हो गया है। गृह सचिव ने हरदा हादसे की जांच के आदेश दे दिये हैं। ब्लैक लिस्टेड होने के बाद भी राजू अग्रवाल कैसे पटाखा फैक्टरी चला रहा था, हरदा में इतनी बड़ी मात्रा में कैसे बारूद का स्टॉक हो गया, जिम्मेदार अधिकारी ने एक्शन क्यों नहीं लिया, ऐसे तमाम बिंदु जांच का मुख्य केंद्र रहेंगे।
गौरतलब है कि हरदा में हुए हादसे में आधिकारिक रूप से 7 लोगों ने अपनी जान गवां दी है और लगभग 70 लोगों के घायल होने की खबर है। हादसे के बाद प्रशासन सक्रिय हो चुका है । सीएम डॉ मोहन यादव ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए है।