बीते रविवार के दिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राम मंदिर, इंडिया गठबंधन और केंद्र सरकार के पिछले 10 साल की बीजेपी सरकार को लेकर अपनी विरोध प्रकट किया है। बताया जा रहा है शशि थरूर जयपुर में 17वें लिटरेचर फेस्ट में शामिल हुए थे।
जिसमें उन्होंने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस के शामिल नहीं होने पर कहा है कि मैं बचपन से ही भगवान राम की पूजा करता आ रहा हूं और मैं अपने राम को बीजेपी को नहीं सौंपूंगा। इसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि भगवान राम की किसी भी अन्य अभिव्यक्ति पर भाजपा का कोई प्रतिलिप्यधिकार है।
बता दें कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ सीनियर कांग्रेस नेताओं ने ऐलान की थी कि वे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे क्योंकि ये राष्ट्रीय स्वंय सेवकसंघ और बीजेपी का कार्यक्रम था। ऐसे में शशि थरूर ने कहा है कि वे सभी नेता राम मंदिर जाने के लिए स्वयं अपना समय का चयन करेंगे और मुझे लगता है कि इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं होगा। इसके अलावा मैं भी मंदिरों में पूजा करने जाता हूं, राजनीति करने नहीं जाता हूं।
कांग्रेस को हिंदू विरोधी बोलने वालों का किया खंडन
शशि थरूर ने आगे कहा है कि कांग्रेस ने कभी भी भगवान राम के बारे में कुछ भी नकारात्मक नहीं कहा है। ऐसे में पार्टी ने सिर्फ ये कहा कि प्रतिष्ठा समारोह का राजनीतिकरण किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी को हिंदू विरोधी बताने वालों के दावों का भी खंडन किया और कहा कि अचानक उनका ये कहना कि हम नहीं आए इसलिए हम हिंदू विरोधी हैं, बेतुका है। भारत का 85 प्रतिशत भाग हिंदू है। ऐसे में कांग्रेस के भी 85 प्रतिशत लोग हिंदू ही है।