इस साल के मध्य में लोकसभा चुनाव होने है। जिसके लिए अब देश की सभी बड़ी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने अलग-अलग राज्यों में रैली और जनसभा शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने भी अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ शुरू कर लोकसभा की तैयारियां शुरू कर दी है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब कांग्रेस लोकसभा में करारा जवाब देना चाहती है।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इंदौर क्षेत्र में बीजेपी को हराना आसान नहीं है। मगर कांग्रेस ने बीजेपी के गढ़ से कांग्रेस ने प्रदेशाध्यक्ष बनाकर कमबैक के संकेत दिए हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी कहते हैं कि लोकसभा के लिए हम 15 फरवरी तक उम्मीदवारी का ऐलान करने की तैयारी कर चुके हैं, लेकिन मैदानी हालात उनके दावों के उलट हैं। हमने कई प्रमुख दावेदारों और चेहरों से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का सवाल पूछा, अधिकतर का जवाब ना में या फिर मिला-जुला मिला।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के इस कथन के पीछे प्रमुख कारण यह है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव में नहीं उतरना चाहते है। क्यूंकि उन्हें बड़ी हार का डर सता रहा है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में सांवेर, राऊ, देपालपुर और इंदौर-1 से कांग्रेस ने जीत हासिल की। मगर उसके बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 5.47 लाख के रिकॉर्ड वोटों से हार गई थी।
काफी समय से इंदौर क्षेत्र में बीजेपी का कब्ज़ा है। कांग्रेस उम्मीदवारों का मानना है कि राम मंदिर के लोकार्पण के बाद कांग्रेस का यहाँ जितना और मुश्किल होता दिख रहा है। उनका कहना है कि राम मंदिर ने बीजेपी को हर तरह से फायदा किया है। यह उनके लिए लोकसभा चुनाव में काफी फायदेमंद साबित होगा। इंदौर संघ और बीजेपी का गढ़ माना जाता है। यहाँ 35 साल से यानी 1985 से कांग्रेस लोकसभा में जीत के लिए तरस रही है।