इंदौर। सिकलीगर समाज के युवाओं को शस्त्र एवं हथियार निर्माण के दलदल से बाहर निकालकर उन्हें रोजगारमूलक गतिविधियों से जोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए पहल की गई है। इसके अंतर्गत इंदौर संभाग के संभागायुक्त मालसिंह एवं इंदौर जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राकेश गुप्ता की उपस्थिति में गत 23 जनवरी को पुलिस कंट्रोल रूम महेश्वर में खरगोन, धार, बड़वानी एवं बुरहानपुर जिले के अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित की गई।
इस कार्यशाला में इन चार जिलों के सिकलीगर समाज के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कार्यशाला में खरगोन रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक चन्द्रशेखर सोलंकी, खरगोन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, धार पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह, बड़वानी पुलिस अधीक्षक पुनित गहलौत उपस्थित थे। कार्यशाला में बुरहानपुर एवं बड़वानी कलेक्टर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित थे।
कार्यशाला में सिकलीगर समाज के लोगों की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई। इस दौरान सिकलीगर समाज के प्रतिनिधियों ने बताया कि खरगोन, धार, बड़वानी एवं बुरहानपुर जिलों में उनकी समाज की आबादी लगभग 10 हजार है। उनके समाज का पारंपरिक रूप से हथियार निर्माण का व्यवसाय रहा है। लेकिन अब समय बदल गया है और उनका समाज अपराध के इस दलदल से बाहर निकलकर रोजगार की गतिविधियों से जुड़ना चाहता है और समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहता है।
समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनकी समाज के युवाओं को अपराध के इस दलदल से निकालने के लिए शासकीय सेवा में प्राथमिकता से लिया जाना चाहिए। होमगार्ड, ड्राइवर, अतिथि शिक्षक, सिक्यूरिटी गार्ड जैसे पदों पर उनके समाज के पढ़े-लिखे युवाओं को काम देने की जरूरत है। इसके साथ ही समाज के युवाओं को प्रशिक्षण देकर एवं बैंक ऋण देकर रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़ने के पहल की जाना चाहिए।
उनके समाज के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जाना चाहिए और उनकी बस्तियों में स्वच्छता के कार्य कराये जाने चाहिए। उनके समाज को पशुपालन एवं कृषि कार्यों से भी जोड़ा जा सकता है। संभागायुक्त मालसिंह ने कहा कि चारों जिलों के सिकलीगर समाज के लोगों का 25 जनवरी से 15 फरवरी तक सर्वे कराया जाएगा। इस सर्वे के द्वारा यह पता लगाया जाएगा कि इस समाज के युवा कहा तक शिक्षित है और वर्तमान में कौन सा काम कर रहे हैं। उनके परिवार की आर्थिक गतिविधियों की जानकारी ली जाएगी और उनकी जरूरतों का आकलन किया जाएगा और वे कौन सा काम करना चाहते हैं यह भी पता लगाया जाएगा।
सर्वे के बाद इस समाज के युवाओं की काउंसिलिंग के लिए शिविर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सिकलीगर समाज के उत्थान के लिए यह एक सार्थक पहल है और समाज के लोगों को स्वयं आगे आकर इसमें सहयोग करना होगा। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राकेश गुप्ता ने कहा कि सिकलीगर समाज के पढ़े-लिखे युवाओं को उनके हुनर एवं कौशल के अनुसार रोजगार देने का प्रयास किया जाएगा। इसी कड़ी में आज इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। हमारा प्रयास है कि इस समाज के युवा शस्त्र निर्माण एवं अपराध की दुनिया से बाहर निकले और रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बने।
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कार्यशाला में बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना इस समाज के शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार देने का अच्छा साधन बन सकती है। इसके लिए शीघ्र प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा इस समाज के महिलाओं को आजीविका मिशन एवं अन्य गतिविधियों से जोड़कर रोजगार दिलाने का प्रयास किया जाएगा। धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में प्रशिक्षिण युवाओं की आवश्यकता होती है। सिकलीगर समाज के युवाओं को आईटीआई के माध्यम से विभिन्न ट्रेडों का प्रशिक्षण देकर उनका कौशल उन्नयन किया जा सकता है।
पिथमपुर गारमेन्ट उद्योग में महिलाओं की आवश्यकता है। धार पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह, सिकलीगर समाज के लोगों पर अन्य राज्यों में दर्ज अपराधों की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे लोग स्वयं सामने आए पलिस प्रशासन उन्हें विधिक सहायता उपलब्ध कराकर समाज की मुख्यधारा से जोडने का कार्य करेगा। कार्यशाला में औद्योगिक क्षेत्र पिथमपुर के उद्यमी भी आए थे। अल्ट्राटेक कंपनी के अधिकारी ने बताया कि वे प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए तत्परता से काम करेंगे। कार्यशाला में रोजगार से जुड़े विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।