कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाया है। कुछ महीनों पहले मध्य प्रदेश के विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की करारी हार के बाद पूर्व सीएम और वर्तमान में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने ईवीएम के खिलाफ कई तरह के सवाल उठाए है। वह लगातार ईवीएम पर सवाल उठाते रहते है।
दिग्विजय सिंह ने बुधवार को भोपाल में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर राज्य व देश के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा ‘हमें इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और वीवीपैट पर भरोसा नहीं है। मेरे हाथ में जब तक पर्ची नहीं आएगी, मुझे विश्वास नहीं होगा कि मैंने जिसे वोट दिया है उसे ही मिला है। साफ्टवेयर के माध्यम से गड़बड़ी की जा सकती है। निर्वाचन आयोग भी इस संबंध में कोई जवाब नहीं दे रहा है।’
दिग्विजय सिंह ने कहा ‘ ईवीएम में हैकिंग नहीं हो सकती, लेकिन प्रोग्रामिंग के माध्यम से इसमें पहले से निर्धारित किया जा सकता है कि वोट किसे जाएगा। प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह बताया गया कि जो वोट डाले गए, वे दिखाई तो किसी को दिए, लेकिन जब गणना हुई तो वह किसी और को मिले।’
उन्होंने कहा कि 140 करोड़ आबादी वाले देश में जहां 90 करोड़ मतदाता हैं तो क्या हम ऐसे लोगों के हाथ में ये सब तय करने का अधिकार दे दें। पूरी इलेक्शन प्रोसेस का मालिक न मतदाता है, न अधिकारी-कर्मचारी हैं। इसका मालिक सॉफ्टवेयर बनाने और डालने वाला है। दिग्विजय सिंह ने कहा की हम चुनाव आयोग से निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं, मगर वह दबाव में है।