हम किसी भी धर्मस्थल पर जाएं तो भगवान से हमें घर, गाड़ी, पैसे, आभूषण नहीं मांगना चाहिए : पुष्पानंद तिवारी

Deepak Meena
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श्रीराम जन्मोत्सव एवं सीता स्वंयवर की खुशियां मनाई, भजनों पर झूम उठी मातृशक्तियां, पं. पुष्पानंद तिवारी ने राम कथा प्रसंगों में भक्तों को किया भाव-विभोर

गुमाश्ता नगर शिव मंदिर से आज निकलेगी राम-जानकी विवाह की भव्य शोभायात्रा, गाजे-बाजे व आतिशबाजी के साथ अयोध्या में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण भी व्यापारी व आम नागरिकों सहित राम भक्तों को देंगे

इन्दौर :  हम किसी भी धर्मस्थल पर जाएं तो भगवान से हमें घर, गाड़ी, रुपए, पैसे, आभूषण नहीं मांगना चाहिए। भक्तों को भगवान से भगवान को ही मांग लेना चाहिए। प्रभु की कृपा अगर हमको मिल गई तो जीवन में सभी संसाधन अपने आप हमारे पास आ जाएंगे। उक्त विचार शुक्रवार को गुमाश्ता नगर स्थित मुकुट मांगलिक भवन में आयोजित दो दिवसीय राम-जानकी विवाह महोत्सव में पं. पुष्पानंद तिवारी ने भक्तों को कथा का रसपान करवाते हुए व्यक्त किए। उन्होने कथा में आगे कहा कि जीवन में नीति, नियत और नजर सही रखना तो जीवन सफल हो जाएगा। बचपन में मां की बात मानना और जवानी में महात्मा की बात मानने से बुढ़ापे में परमात्मा आपकी मान लेंगे। राम का चरित्र काल्पनिक नहीं इतिहास हैं और इतिहास हमेशा सत्य होता है। राम का तात्पर्य सफलता, आनंद और सुख है। भक्ति मार्ग पर जीवन तब आता है जब भगवान की अति कृपा होती है। जिस प्रकार जनता जिसे चुने वहीं सरकार में बैठता हैं उसी प्रकार जिसे जनार्दन चुनता हैं वहीं कथा में बैठता है। हम कितने भी ज्ञानी हो लेकिन गुरू या वरिष्ठजन आए तो हमें उनका सम्मान दिल से करना चाहिए न की दिखावे के समान करना चाहिए।

श्री बालाजी क्षेत्र माहेश्वरी महिला संगठन अध्यक्ष माधुरी सोमानी एवं सचिव रेखा काकानी ने बताया कि मुकूट मांगलिक भवन पर आयोजित दो दिवसीय राम-जानकी विवाह महोत्सव की शुरूआत मुख्य यजमान राजकुमार-कनकलता साबू, गोपालदास राठी, प्रकाश अजमेरा ने व्यासपीठ का पूजन कर की। इसके पश्चात पं. पुष्पानंद तिवारी ने राम-जानकी विवाह प्रसंग की व्याख्या कर सभी भक्तों का भाव-विभोर कर दिया। कथा के दौरान पं. तिवारी ने जैसे ही राम आएंगे तो अंगना सजाउंगी भजन प्रस्तुत किया तो समूचा पांडाल झूम उठा। महिलाओं के साथ-साथ वृद्ध भी अपने स्थान पर खड़े होकर भजन के आनंद में झूम उठे। महोत्सव के प्रथम दिन कार्यक्रम संयोजक लीना राठी, ज्योति भराणी, ममता अगाल, आशा अजमेरा, मंजू लाहोटी, तृप्ति सोमानी ने व्यवस्थाएं संभाली। मुख्य आरती के यजमान कमल पलोड़ एवं प्रसादी यजमान आयुष मालानी एवं सागरमल खटोड़़ थे।

मंदिर में मूर्ति आती हैं तो वह परमात्मा बन जाती है-

पं. पुष्पानंद तिवारी ने भक्तों को कहा कि अयोध्या की भूमि पर भगवान राम का अस्तित्व युगो से हैं। हजारों वर्षों से भगवान अयोध्या में विराजमान है। नूतन मंदिर में यदि भगवान राम की मूर्ति विराजित होती हैं तो वह महज मूर्ति नहीं रह जाती है वह परमात्मा बन जाती है। हमें अयोध्या में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का उत्सव इन्दौर में भी मनाना है। अयोध्यावासियों को भी यह दिखाना है कि वहां से ज्यादा इन्दौरवालों ने रामलला के अयोध्या आने की की खुशियां मनाई है।

प्रचार प्रमुख गोपालदास राठी ने बताया कि शनिवार 13 जनवरी को श्रीराम जानकी विवाहोत्सव, दीपोत्सव एवं छप्पन भोग दर्शन का आयोजन होगा। दोपहर 3 बजे गुमाश्ता नगर स्थित शिव मंदिर से श्रीराम-जानकी की भव्य शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ निकाली जाएगी। यात्रा में श्रीराम-जानकी की वेशभूषा में महिला मंडल की सदस्य आकर्षण का केंद्र रहेंगी। शोभायात्रा शिव मंदिर से प्रारंभ होकर रणजीत हनुमान रोड़ होते हुए मुकुट मांगलिक परिसर पहुंचेगी जहां इस यात्रा का समापन होगा। यात्रा में 20 से अधिक माहेश्वरी परिवारों द्वारा यात्रा का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया जाएगा। शोभायात्रा में पुरूष कुर्ता-पयजामा एवं महिलाएं लाल व केशरिया परिधान पहन सम्मिलित होंगी। शनिवार को श्रीराम जानकी विवाहोत्सव, दीपोत्सव एवं छप्पन भोग दर्शन के यजमान प्रकाश-शारदा अजमेरा एवं रमेश-शकुंतला चितलांग्या रहेंगे।