नो भिक्षा – भिक्षा नहीं शिक्षा दे, एक नई शुरुआत की ओर बढ़ते कदम, स्कूली बच्चों ने किया सहयोग

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आज चोइथराम स्कूल माणिक बाग में लेक्चर हेतु गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया। जहां समाज सेवा के प्रकल्प में समाज से भिक्षावृत्ति जैसे अभिशाप को कैसे दूर करें विषय पर बच्चों के साथ बहुत ही ऊर्जावान इंटरएक्टिव सत्र हुआ। इंदौर में चल रहे भिक्षावृक्ति मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों एवं बच्चों को पुनर्वास केंद्र पर किस तरह से कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से पुनर्वासित किया जा रहा है संबंधी जानकारी बच्चों के साथ साझा की।

समाज एवं शहर हित में बच्चों ने संकल्प लिया कि NO भिक्षा यानी भिक्षा नहीं शिक्षा दे को बढ़ावा देंगे और अपने माता-पिता, परिचित और दोस्तों को भी भिक्षा नहीं देने हेतु प्रेरित करेंगे। स्मार्ट क्लास में भिक्षावृत्ति पर बनाई गई इंदौर की डॉक्यूमेंट्री एवं केस स्टडी के वीडियो भी दिखाए गए। मेधावी बच्चों ने कुछ दिलचस्प सवाल भी पूछे व इस अभियान में ढेर सारी जानकारियां एकत्रित की बच्चों से बहुत अद्भुत बातचीत हुई। सभी बच्चों ने एक स्वर में हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी को भिक्षावृक्ति मुक्त भारत अभियान चलाने हेतु धन्यवाद कहा।

ऐसी ही एक और कड़ी में सैंट नॉरबर्ट स्कूल के बच्चों ने टीचर्स के साथ भिक्षुक पुनर्वास केंद्र परदेसीपुरा पर विजिट की जो पूर्व में ही NO भिक्षा – भिक्षा नहीं शिक्षा दे का संकल्प ले चुके हैं। इन बच्चों के द्वारा अपनी पॉकेट मनी से 10-10 रुपए एकत्रित कर पुनर्वास केंद्र के हितग्राहियों के द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों के लिए कच्चा सामान जैसे ऊन, मोती, पैकिंग मैटेरियल, रिंग इत्यादि लेकर आए ताकि वह इनसे सामान बनाकर बेचकर आत्मनिर्भर बन समाज की मुख्य धारा में आ सके। बच्चों द्वारा कुछ राशन व अन्य सामग्री भी हितग्राहियों में वितरित की।