Vishnu Puja In Kharmas: हिन्दू धरोहर और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा महीना, खरमास, शास्त्रों और परंपराओं की दुनिया में एक विशेष स्थान रखता है। सूर्य जो 16 दिसंबर को वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश कर चुका है। इसे ‘धनुर्मास’ कहा जाता है, जिसे आमतौर पर ‘खरमास’ के रूप में जाना जाता है। इस महीने का आरंभ धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों में परेशानी का समय होता है, जब कोई भी मांगलिक कार्य विवाह, सगाई, गृह प्रवेश आदि पर रोक लगती है।
शास्त्रों में इस अवधि को सूर्य की ऊर्जा में कमी के रूप में देखा जाता है, और इसे मान्यता प्राप्त नहीं है कि खरमास में कुछ विशेष कार्यों को आरंभ किया जाए। सूर्य की कमजोर स्थिति के कारण इस समय को अशुभ माना जाता है, और इसलिए इस समय में विवाह और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों से बचा जाता है।
यह माह भगवान विष्णु की उपासना के लिए अत्यंत उपयुक्त है। खरमास में भगवान विष्णु की पूजा करने से विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। भगवान विष्णु की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है और नौकरी में तरक्की के योग बनते हैं। इस महीने में विष्णु सहस्त्रनाम, पुरुष सूक्त, सत्यनारायण कथा, भागवत पाठ और आदित्य हृदयस्त्रोत्र का पाठ करना चाहिए।
इस खरमास में धर्मिक कार्यों के अलावा दान-दक्षिणा का महत्वपूर्ण स्थान है। गरीबों, असहायों को अन्न, वस्त्र का दान करना बहुत महत्वपूर्ण है। गौ सेवा, बड़े-बुजुर्गों की सेवा और ब्राह्मण को अन्न दान करने से कई गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। खरमास में तुलसी की पूजा करना भी शुभ है और घर में नकारात्मकता को दूर करता है।
इस विशेष समय में विशेष ध्यान देने से हम अपने आत्मा को परिशुद्धि, संतुलन, और शांति की दिशा में बढ़ा सकते हैं, जिससे हमारा सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण समृद्धि की ओर बढ़ता है। यह समय हमें अपनी आदतें सुधारने और अच्छे कर्मों का अभ्यास करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।