उज्जैन में आज सोमवार को कार्तिक मार्गशीर्ष (अगहन) माह में बाबा महाकाल की शाही सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ श्री मनमहेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। बता दें शाम 4 बजे महाकालेश्वर मंदिर से शाही ठाट-बाट के साथ सवारी शुरू की जाएगी। जानकारी के मुताबिक प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया है कि दोपहर 3:30 बजे मंदिर के सभामंडप में भगवान महेश का पूरी विधि विधान से पूजा अर्चना की किया जाएगा। उसके बाद बाबा महाकाल की सवारी नगर भ्रमण के लिए रवाना होगी। इस मंदिर के मेन गेट पर सशस्त्र बल को तैनात किया जाएगा। अवंतिकानाथ को सलामी देगी इसके बाद कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा।
सबसे आगे सजेगा रजत ध्वज
शाही सवारी में सबसे आगे महाकालेश्वर मंदिर का रजत ध्वज रहेगा। इसके बाद पुलिस का अश्वरोही दल, उसके बाद पुलिस बैंड, सबसे अंतिम में सशस्त्र बल की टुकड़ी शामिल रहेगी। आज की शाही सवारी में परंपरागत भजन मंडल को भी शामिल होने की अनुमति रहेगी।
ये रहेगा शाही सवारी मार्ग
बता दें उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। बता दें यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान बाबा महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे। पूजा करने के बाद सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर टंकी चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल चौराहा, सती गेट, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए फिर से श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
रूद्राक्ष और डमरू से सजेगा रथ
कार्तिक अगहन मास की शाही सवारी में इस बार बाबा महाकाल के भक्त मंडल का रथ भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। मंडल संस्थापक प्रवीण मादुस्कर ने बताया शाही सवारी के लिए रथ को 1 लाख रूद्राक्ष और डमरुओं से सजाया जा रहा है। राजाधिराज बाबा महाकाल के नगर भ्रमण पर निकलने की खुशी में रथ से डमरू, शंख और बिगुल से मंगल ध्वनि की जाएगी। मंडल के सदस्य शिव प्रिय वाद्य यंत्र झांझ डमरू की मंगल ध्वनि करते चलेंगे। शिव रथ और झांझ डमरू बजाने वाले युवाओं की टोली भक्तों को बेहद पसंद आती है। इसमें बाहर से आने वाले भक्त भी खुश हो जाते है।