हर त्योहारों में कुछ न कुछ बनाने की परंपरा जरूर है, जैसे – होली पर गुजिया, मकर संक्रांति पर टिल के लड्डू या खिचड़ी और ईद पर सेवई बनाई जाती है। ऐसे ही अलग अलग त्योहारों में कुछ न कुछ बनाया जाता है। उसी प्रकार दीपावली के दिन में भी भारत की कई जगहों पर जिमीकंद की सब्जी बनाई जाती है। सूरन या जिमीकंद की सब्जी बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
दीपावली के दिन सूरन की सब्जी बनाना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन इसकी सब्जी के बनाने के पीछे एक रहस्य है इससे धनवृद्धि और घर में सुख समृद्धि बढ़ती है। इसे धन और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। चलिए जानते है इससे होने वाले लाभ….
जिमीकंद या सूरन जमीन के नीचे से जड़ से निकलने वाली सब्जी है। इसके कांदे की सब्जी बनाई जाती है। सूरन की सब्जी में कई प्रकार पौष्टिक तत्व जैसे – एंटीऑक्सीडेंट्स, बीटा कैरोटीन, विटामिन्स, खनिज, कैलोरी, वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, पोटेशियम और घुलनशील फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाए जाते है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। यह डायबिटीज और कैंसर रोगियों के लिए लाभकारी होता है। साथ ही वजन कम करने और तनाव को दूर करने में भी मदद करता है।