इंदौर: इंदौर ऑटो रिक्शा चालक महासंघ के संस्थापक राजेश बीड कर, प्रवीण वाडेकर, ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि परिवहन विभाग ने अब लोक परिवहन के प्रमुख साधन आटो रिक्शा पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है। आटो रिक्शा के संचालन के लिए नए नियम बना दिए हैं, जो काफी कड़े हैं। इसका प्रारूप अधिसूचित कर दिया है। दावे-आपत्तियों के निराकरण के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। दूसरी और इंदौर ऑटो रिक्शा चालक महासंघ ने इसका विरोध करते हुए दावे और आपत्तियां लगाएंगे, किसी भी सूरत में यह नियम लागू नहीं होने देंगे
जबलपुर उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में परिवहन विभाग ने आटो रिक्शा विनियमन योजना 2021 तैयार की है। शुक्रवार को इसके प्रारूप का प्रकाशन कर दिया है। अब दावे और आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। इधर ऑटो रिक्शा संचालन व्यवसाय से जुड़े चालकों का कहना है कि नए प्रस्तावित नियम काफी कड़े हैं। इससे आटो का संचालन करना काफी कठिन हो जाएगा। वहीं सेक्टरवाइज परमिट देने से यात्रियों के लिए भी असुविधा हो जाएगी। इससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी यात्री को खेलना पड़ेगी.
अब तक आटो रिक्शा सिटी परमिट लेकर पूरे शहर में toll प्लाजा के अंदर 15 से 20 किलोमीटर घूमते थे, लेकिन अब उनके लिए मार्ग तय कर उसी के अनुसार परमिट दिए जाएंगे।
जोकि संभव नहीं है, इससे हमारा व्यवसाय तो प्रभावित होगा परंतु सिटी बस की चांदी हो जाएगी, सिटी बस रूटों पर ऑटो रिक्शा को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.
इंदौर में करीब 10 .800 परमिटधारी आटो हैं जबकि लगभग 8500 हजार आटो रिक्शा अवैध रूप से चल रहे हैं।
आपत्ती के प्रमुख बिंदु.
-1. अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसके लिए स्पीड गवर्नर लगाया जाएगा।,
आपत्ती -इंदौर शहर का यातायात इतना अच्छा नहीं है कि traffic वाले स्थानों पर 40 की स्पीड में ऑटो रिक्शा चलाया जा सके, इसके लिए स्पीड गवर्नर लगाने की आवश्यकता नहीं है.
-2. वाहन की लोकेशन पता करने के लिए व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस लगाना होगा। इसे परिवहन विभाग के सेंट्रल सर्वर से लिंक करवाना होगा।
आपत्ती-वाहन के रजिस्ट्रेशन के समय संपूर्ण जानकारी आरटीओ के पास रजिस्टर्ड होती है इसलिए व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस की आवश्यकता नहीं है.
3- क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार द्वारा ई रिक्शा को चलाने के लिए क्षेत्र और मार्गों का निर्धारण किया जाएगा।
समर्थन-मार्गो के निर्धारण की अति आवश्यकता है, ताकि इंदौर का यातायात प्रभावित ना हो.
4-किसी भी शहर या ग्रामीण इलाके में जनसंख्या के आधार पर अन्य लोक परिवहन की संख्या को देखते हुए आटो की संख्या भी तय की जाएगी।
आपत्ती-यह तकनीकी रूप से पॉसिबल नहीं है क्योंकि जिला परिवहन अधिकारी ने 10900 परमिट दिए हैं और हजारों ऑटो रिक्शा को रजिस्टर्ड कर दिया है ऐसे में जनसंख्या के आधार पर लोक परिवहन समझ से परे हैं.
5.अधिकतम संख्या होने के बाद नए परमिट नहीं दिए जाएंगे।
जिन मार्गों पर बस और मिनी बस चल रही है, वहां आटो को परमिट नहीं दिया जाएगा.
आपत्ती-सिटी बस को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य ऑटो रिक्शा व्यवसाय बर्बाद करने की साजिश है.
– 6.-आरटीओ द्वारा आटो, ई रिक्शा और ई कार्ट के लिए रूट बनाए जाएंगे और उन्हें नंबर दिया जाएगा। हर रूट के परमिट के अनुसार आटो पर रंग करवाना होगा। इसका उल्लंघन करने पर आटो जब्त किया जाएगा.
आपत्ती-इंदौर शहर के प्रमुख चौराहों पर यातायत पुलिस होती नहीं है यातायात पुलिस बल इंदौर शहर के पास में कम है परिवहन विभाग के पास मात्र दो उड़न दस्ते हैं आप इंदौर शहर को कैसे व्यवस्था दे पाएंगे?
4 मार्गों पर अलग अलग कर ऑटो रिक्शा चलाए जाने पर आपकी मंशा कभी पूरी नहीं हो पाएगी क्योंकि जब ऑटो रिक्शा हमने रजिस्टर्ड कराएं तब ऑटो रिक्शा पीला और हरा फिटनेस में दर्शाया गया था अब अचानक आप ऑटो रिक्शा के कलर का निर्धारण कैसे कर सकते हैं इसलिए यह नियम और कानून संगत नहीं है कृपया इस पर पुनर्विचार किया जाए.