भारतीय बाजार ने अपने विकास की कहानी में कई महत्वपूर्ण मोड़ और मोमेंट्स देखे हैं। पहले, लोकल बाजारों में व्यापार और विनिर्माण के क्षेत्र में वृद्धि की शुरुआत थी, लेकिन लिबरली करण और विदेशी निवेश की सुविधा के साथ, वित्तीय सेक्टर और तकनीकी क्षेत्र में भी विकास हुआ।
भारतीय बाजार में डिजिटलीकरण का आगमन बहुत महत्वपूर्ण है, जिसने ऑनलाइन विपणन, डिजिटल भुगतान, और इंटरनेट पर व्यवसाय को बढ़ावा दिया है। यह नए व्यवसायी अवसर और रोजगार की नई संभावनाओं को खोला है।
स्वतंत्रता के बाद, भारतीय बाजारों में विदेशी निवेश और विपणन की विशेष ध्यान देने वाली नई नीतियों की शुरुआत हुई, जिससे भारतीय उत्पादों का विदेश में नाममात्र बढ़ा और नई बाजारों में पहुंची।
समर्थन मूद्रा की बदलती मूल्य दरें और आर्थिक नीतियों के परिणामस्वरूप, भारतीय बाजार ने वैश्विक बाजारों के साथ सफल व्यापार किया है।
इस तरह से, भारतीय बाजारों की विकास की कहानी में बदलते युग ने नए अवसर पैदा किए हैं और भारत को एक महत्वपूर्ण वैश्विक व्यापारिक खिलाड़ी बनाया है।