Ujjain News: महाकाल दर्शन के लिए जारी हुई नई गाइड लाइन, ड्रेस कोड के बिना नहीं होंगे बाबा के दर्शन

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Dress Code for Ujjain Mahakal Darshan: लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक बाबा महाकाल जिनके दर्शन करने के लिए देश विदेश से लाखों भक्तों का तांता लगा रहता हैं। देशभर के कई श्रद्धालुगण यहां भारी मात्रा में पधारकर बाबा के मंगल दर्शन का लाभ उठाते हैं। यहां एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं यदि आप भी महाकाल दर्शन के लिए जाने योजना बना रहे हैं, तो इस पूरी खबर को ध्यान से पढ़िएगा। दरअसल अब गर्भ गृह में बाबा की पूजा विशेष पूजा आराधना करने के लिए आपको ड्रेस कोड में पहुंचना पड़ेगा। वहीं महाकाल राजा के मंदिर प्रांगण की प्रबंधन कमेटी ने एक मीटिंग में यहां महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि अब स्त्रियों और पुरुषों को ड्रेस कोड में पहुंचना अनिवार्य होगा, नहीं तो आप गर्भ गृह में एंट्री करने से वंचित रह सकते हैं।

स्त्री-पुरुष के लिए जारी हुआ ड्रेस कोड

आपको बता दें कि गर्भ गृह में एंट्री के लिए अब औरतों को साड़ी के ऑउटफिट में जाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त जेंट्स को धोती-कुर्ता पहनना अनिवार्य है। बिना साड़ी और धोती-कुर्ते के दूसरे वस्त्रों में गर्भ ग्रह में जाना निषेध माना गया हैं। मंदिर की प्रबंधन कमेटी की मीटिंग में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है और इसके लिए कई सारे ऑर्डर भी घोषित कर दिए गए हैं।

VIP लोगों के लिए भी मान्य होगा ड्रेस कोड

यहां वीआईपी लोगो के लिए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने अपडेट जारी करते हुए बताया कि मंदिर के गर्भ गृह में जाने के लिए जो ड्रेस कोड जारी किया गया है वो लोकल दर्शनार्थियों के लिए और VIP श्रद्धालुओं के लिए दोनों पर ड्रेस कोड लागू होगा। इसी के साथ 10 वर्ष तक की बालिकाओं को सलवार सूट पहनकर आने पर ही गर्भ गृह में जाने दी जाएगी।

इन वस्त्रों पर लगा प्रतिबन्ध

महाकल प्रबंधन कमेटी की मीटिंग में गर्भ ग्रह में जाने के लिए जींस, शर्ट, टी शर्ट, पैंट जैसे वस्त्रों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई हैं। ऐसे में अब कोई भी बिना ड्रेस कोड के बाबा महाकालेश्वर के अभिषेक से वंचित रह जाएगा।

इस दिन मिलेगा निशुल्क भस्मारती देखने का सुनहरा अवसर

उज्जैन महाकाल मंदिर प्रबंधन कमिटी की मीटिंग में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है कि उज्जैन के लोकल रहवासियों को मंगलवार के दिन भस्म आरती में मुफ्त में भस्मारती का लाभ दिया जाएगा। अभी गर्भ गृह में भक्तों की एंट्री की शुरुआत तो नहीं की गई है, लेकिन एक हफ्ते बाद जब भी गर्भगृह में भक्तों को दस्तक देने का अवसर मिलेगा, तब इन नियमों की आज्ञा का पालन करना अनिवार्य हैं।