स्कूल बस संचालकों को कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश, कहा – बच्चों के जीवन के साथ कोई समझौता नहीं

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इंदौर। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने आज स्कूल बस संचालकों तथा प्रबंधकों की बैठक में सख्त हिदायत देते हुए कहा कि बच्चों के जीवन के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाए। बसों का रखरखाव तथा संचालन बच्चों के जीवन की सुरक्षा को देखते हुए बेहतर तरीके से सुनिश्चित हो। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन, शासन-प्रशासन के नियम और निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। बच्चों की सुरक्षा के प्रति किसी भी तरह की लापरवाही अक्षम्य है। बसों के संचालन की एसओपी का भी पूर्ण पालन किया जाए। लापरवाही करने वालों के विरुद्ध जवाबदेही तय कर कड़ी कार्रवाही की जाएगी।

कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई इस बैठक में बस संचालकों और प्रबंधकों को बस संचालन के संबंध में नियम और निर्देशों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने निर्देश दिए कि इनका पालन हर हाल में सुनिश्चित हो। मानवीय संवेदनाओं के साथ बसों का संचालन किया जाए। सजग एवं सतर्क होकर बसें चलाई जाए। बसों एवं अन्य स्कूली वाहनों में ओवरलोडिंग नहीं की जाए। स्कूल बस ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिलवाया जाए। उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर करते रहें। उन्होंने पिछले दिनों क्विंस कॉलेज की बस में हुई घटना के संबंध में स्कूल प्रबंधक को निर्देश दिए कि जवाबदेही तय कर शीघ्र कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा प्रबंधों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।

स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए। बसों के आगे-पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए। अगर किसी एजेंसी से बस अनुबंध पर ली गई है तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना जरूरी है। बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स तथा बस में परिवहन विभाग द्वारा स्वीकृत स्पीड गवर्नर लगे भी होना चाहिए। प्रत्येक बस में सुरक्षा हेतु होरिजेंटल ग्रिल तथा आग बुझाने के उपकरण, बस पर स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना, बस में सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था और प्रत्येक बस चालक को कम से कम 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना जरूरी है।

उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक स्कूल बस में आपातकालीन निकास द्वार भी स्थापित हो। जीपीएस और सीसीटीवी भी अनिवार्य रूप से लगाए जाएं और यह तय किया जाए कि वह हर समय काम कर रहे हैं। स्कूल बसों में पर्दे या कांच में फिल्म नहीं होना चाहिए। कांच पारदर्शी हो जिससे की अंदर की गतिविधियां बाहर से स्पष्ट रूप से दिखाई देवें। स्कूल बसों में इमरजेंसी सायरन और अलार्म बेल भी कार्यरत होना चाहिए। ड्राइवर को यह हिदायत देवें कि वह बस चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करें। वर्षा काल में पुल-पुलियाओं पर पानी होने की स्थिति में यह सुनिश्चित किया जाए की बसें पुल और पुलियाओं को पार नहीं करें।