बिगड़ती जीवनशैली और खानपान के चलते यूरोलॉजी से संबंधित समस्या बढ़ी है लोगों में जागरूकता तो है, लेकिन खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी – डॉ.असीम कपाड़िया एमिनेंट हॉस्पिटल

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इंदौर. वर्तमान समय में हमारी डाइट हैबिट और लाइफस्टाइल में बदलाव के चलते यूरोलॉजी से संबंधित समस्या में बढ़ोतरी हुई है। डिहाइड्रेशन के चलते किडनी स्टोन संबंधित समस्या बढ़ी है वही यूरो-ऑन्कोलॉजी, एरिया की अगर बात की जाए तो प्रोस्टेट कैंसर, किडनी कैंसर और अन्य प्रकार की समस्याओं में बढ़ोतरी हो रही है। बढ़ती बीमारियों के साथ सकारात्मक पहलू यह है कि इन सब चीजों को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है लोग अब शुरुआती सिम्टम्स में डॉक्टर के पास जाते हैं। वही दूसरी और लोगों द्वारा अपनी लाइफ स्टाइल और खान-पान में बदलाव नहीं किया जाता है जिस वजह से इन बीमारियों में बढ़ोतरी हो रही है।यह बात डॉक्टर असीम कपाड़िया ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही। वह शहर के प्रतिष्ठित एमिनेंट हॉस्पिटल में यूरोलॉजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सवाल. स्टोन से संबंधित समस्या किन कारणों से सामने आती है

जवाब. लोगों में खानपान में बुरी आदतों और लापरवाही के चलते स्टोन से संबंधित समस्या देखी जाती है जिसमे डाइटरी हैबिट में इरेगुलेरिटी, हाइड्रेशन की कमी, नॉन वेजिटेरियन डाइट, नमक का सेवन ज्यादा करना, और अन्य चीज शामिल है।किडनी स्टोन के अगर शुरुआती लक्षण की बात की जाए तो पेट के साइड में दर्द होना, यूरिन में ब्लड आना, हल्का बुखार आना शामिल है।यह स्टोन कई बार रेत के दाने सामान छोटे होते हैं वहीं कई बार यह एक से डेढ़ सेंटीमीटर तक भी होते हैं। छोटे स्टैंड को कंजरवेटिव मैनेजमेंट में मेडिसिन और दवाइयो से ठीक किया जा सकता है वही 1 सेंटीमीटर से अधिक होने पर सर्जिकल प्रोसीजर और एंडोरोलॉजी प्रोसीजर से निकाला जाता है। कई बार स्टोन बड़े होने के चलते किडनी डैमेज भी हो जाती है वहीं इंफेक्शन होने के चांस भी बने रहते हैं। कई बार स्टोन से संबंधित समस्या जेनेटिक रूप से भी सामने आती है। स्टोन से संबंधित समस्या से बचने के लिए ज्यादा 4 से 5 लीटर पानी पीना चाहिए।

सवाल. प्रोस्टेट ग्लैंड क्या है इससे संबंधित समस्या और इसके लक्षण क्या है

जवाब. अगर इसे मेडिकल भाषा में समझे तो प्रोस्टेट ग्लैंड एक ग्रंथि है जो केवल पुरुषों में ही होती है। यह एक अखरोट के आकार के बराबर होता है और यह मूत्राशय की ग्रीवा के नीचे मूत्राशय के निकास (मूत्रमार्ग) के इर्द-गिर्द मौजूद होता है जो कि शुक्राणुओं को स्वस्थ रखता है। हार्मोनल चेंजेस की वजह से जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है 50 के बाद यह भी बढ़ना स्टार्ट हो जाता है। प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ने की वजह से पेशाब रुक रुक कर आता है। इसके लक्षण की अगर बात की जाए तो पेशाब रुक रुक कर आना, रात में बार बार पेशाब जाना, जलन होना शामिल है।इस समस्या के बाद एक ब्लड टेस्ट होता है जो कि लक्षण आने पर किया जाता है जिसकी वजह से कैंसर जैसी समस्याओं को फर्स्ट स्टेज में ही पकड़कर डायग्नोज किया जा सकता है।पहले लोग प्रोस्टेट से संबंधित समस्या होने पर इसे टॉलरेट करते थे और आखिरी स्टेज में डॉक्टर के पास जाते थे जब तक काफी देर हो जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है लोगों में इसकी प्रति अवेयरनेस आई है।

सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई कहां से पूरी की है

जवाब. मैने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज से कंप्लीट की उसके बाद एमएस की पढ़ाई गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल से की है। वही एमसीएच की पढ़ाई कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज मणिपाल से की है। अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद मैं मणिपाल हॉस्पिटल में डिपार्टमेंट ऑफ यूरोलॉजी में फैकल्टी के रूप में कार्य किया। कई हॉस्पिटल में सेवाएं देने के बाद अभी वर्तमान में मैं शहर के ओल्ड पलासिया स्थित एमिनेंट हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहा हूं वहीं अन्य हॉस्पिटल में फ्रीलांसर के रूप में अपनी सेवाएं देता हूं।