चीन में सितंबर अक्टूबर में 19वें में एशियन गेम्स का आयोजन होने जा रहा है। इन गेम्स को लेकर खिलाड़ियों में काफी उत्साह और इंतजार दिखाई दे रहा है। फैंस भी इसको लेकर काफी उत्सुक हैं और एक खास वजह क्रिकेट एंट्री की भी हैं।जहां हर कोई भारतीय क्रिकेट टीम को खेलता हुआ देख पाएगा वहीं ऐसा लग रहा है, कि लगातार दूसरी बार एशियन गेम्स में भारतीय फुटबॉल की झलक नहीं दिखेगी। वह भी ऐसे समय में जब टीम इंडिया ने एक महीने के अंदर दो अहम किताब जीते हैं।
चीन के हांगझू में 23 सितंबर से 8 अक्टूबर के बीच एशियन गेम्स का आयोजन होगा और अगर अगले कुछ दिनों में स्थिति नहीं बदली तो 2018 की तरह इस बार भी भारतीय फुटबॉल टीम एशियन गेम्स में नहीं खेल पाएगी। इसकी वजह केंद्र सरकार का वह नियम है। जिसके सामने टीम इंडिया फिलहाल कहीं नहीं टिकती।
टीम के आड़े आया सरकार का ये नियम
दरअसल, केंद्र सरकार ने पहले ही एशियन गेम्स के लिए एक नियम तय कर लिया था। जिसके मुताबिक किसी भी खेल के टीम इवेंट में भारत की एंट्री सिर्फ तब होगी जब उस खेल में भारतीय टीम की एशिया में रैंकिंग शीर्ष-8 में होगी। खेल मंत्रालय ने एक चिट्ठी के जरिए ये नियम भारतीय ओलंपिक संघ और बाकी सभी संघों को बता दिया था और यही नियम फुटबॉल टीम के आड़े आ रहा हैं।
मौजूदा रैंकिंग के मुताबिक भारत की पुरुष फुटबॉल टीम एशिया में टॉप आठ टीमों के आस पास भी नहीं हैं। टीम इंडिया एशिया में आठवीं रैंक की टीम हैं और ऐसे में वो खेल मंत्रालय के क्राइटेरिया में फिट नहीं बैठती।