इंदौर 08 मार्च 2021: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम ‘नारी तू नारायणी’ कार्यक्रम में जिलों में उपस्थित स्व-सहायता समूह की सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। महिलाओं ने बेबाकी से मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी छोटी से अवधि की बड़ी सी सफलता की कहानी रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी की बदौलत मध्यप्रदेश आज खुशहाल है। नारी श्राप को भी वरदान में बदल देती है।
शिवपुरी जिले के बदरवां गाँव की जैकेट सिलने का काम करने वाली स्व-सहायता समूह की सीमा रजक ने मुख्यमंत्री को बताया कि समूह में ढाई हजार से अधिक महिलाएँ जुड़ी हुई हैं। स्कूली ड्रेस की जैकेट सिली और लॉकडाउन में बड़े पैमाने पर मास्क बनाकर दूसरे गाँव भी भेजे। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि एक सदस्य को महीने में 13 से 14 हजार रूपए की आमदनी हो जाती है।
श्योपुर जिले की आजीविका रूरल मार्ट की सरोज बाला ने बताया कि उनके मार्ट में 40 प्रकार के समान हैं। प्रत्येक सदस्य को 10 से 15 हजार का लाभ हर महीने हो जाता है। सागर जिले की फार्मर प्रोड्यूसर (दुग्ध संग्रहण) कम्पनी की राजेश्वरी ने बताया कि 11 हजार 500 बहनें जुड़ी हुई हैं और 18 से 22 हजार लीटर दूध इकट्ठा होता है। दूध, दही, घी, मट्ठा, केसली और सागर भी पहुँचाते हैं। हर सदस्य को 15 से 20 हजार रूपए की प्रतिमाह आमदनी हो जाती है। आगामी समय में 50 हजार सदस्य संख्या करने का लक्ष्य है।
पन्ना जिले की स्व-सहायता समूह की मीनू शुक्ला ने बताया कि हमारी समिति अनहोनी के अंधेरे में सहायता की लौ जगाती है। समूह से 8 हजार 900 महिलाएँ जुड़ चुकी हैं। प्रति वर्ष प्रति सदस्य 300 रूपए जमा करते हैं। सदस्य के परिवार में किसी की मृत्यु होने पर एक-दो घंटे के अंदर 5 हजार रूपए की सहायता तत्काल दी जाती है। बाकी 10 हजार की सहायता समूह की बैठक के बाद दे दी जाती है। इससे दु:खी परिवार को किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता।
दमोह जिले की नया सवेरा आजीविका सिलाई संसाधन केन्द्र की श्याम विश्वकर्मा ने बताया कि विकासखण्ड और जिले में 5 लाख पीस की फर्मा कटिंग की। जिससे उनके समूह को दो माह में 14 लाख की आमदनी हुई। समूह की सदस्यों को प्रतिमाह 15 से 20 हजार रूपए की आमदनी हो रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने दो माह में लाखों की आमदनी होने पर समूह के लगन और जज्बे की प्रशंसा की।
राजगढ़ जिले की बैंक सखी कांता मालवीय ने बताया कि कोरोना काल में बैंक सखी ने घर-घर जाकर बुजुर्गों को पेंशन, पैसे आदि निकालकर दिए। राजगढ़ जिले में 110 बैंक सखी हैं। जो गाँव के घर-घर जाकर जनधन खाता खोलना, पेंशन, छात्रवृत्ति आदि निकालकर देती हैं। वह महीने में इससे 25 से 30 हजार रूपए तक कमा लेती हैं।
धार जिले की सामुदायिक प्रशिक्षण केन्द्र, मांडव की अनीता कोसरे ने बताया कि उनके केन्द्र में कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर, टी.वी., पढ़ने की किताबें आदि सभी हैं। रसोई घर के बचे अनुपयोगी पानी से पोषण वाटिका और वर्मी कम्पोस्ट बना लेती हैं। इस वर्ष 5 लाख का फायदा हुआ है।
बड़वानी की मसाला प्रोसेसिंग यूनिट की मंजू गेहलोत ने बताया कि 80 किलो हल्दी के बीज सदस्यों को बाँटे और विकसित होने पर उन्हीं से हल्दी खरीदी। प्रसंस्करण के लिए बैंक से कर्ज लेकर 15 लाख रूपए का कारखाना स्थापित किया है। शुद्ध मसाला सप्लाई का भी लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने उन्हें देश और विदेश में बाजार उपलब्ध कराने के प्रयास का आश्वासन दिया।
मंडला जिले की कान्हा कृषि वनोपज प्रोड्यूसर कम्पनी की लक्ष्मी भांवरे ने बताया कि समिति के 744 सदस्य सुगंधित धान, कोदो, कुटकी कलेक्ट्रेट में मिली दुकान के माध्यम से बेचते हैं। वे किसानों को फसल का बाजार से भी अधिक मूल्य दे रहे हैं। इंदौर की ठोस एवं तरल अवशिष्ट प्रबंधन करने वाली स्व-सहायता समूह की संतोषी ने बताया कि पौने दो करोड़ का व्यापार हुआ है। इसमें 18 लाख का लाभ मिला।