अन्नदाता का विकास, धर्म की रक्षा और महाराष्ट्र का साथ – के. कविता

Suruchi
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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव 27 जून को, आषाढी एकादशी के पर्व पर सुबह 10 बजे अपने सभी विधायकों और पूरे मंत्रिमंडल के साथ महाराष्ट्र के आराध्य दैवत कहे जाने वाले भगवान विठ्ठल के दर्शन के लिए पंढरपुर पहुंचेंगे। हर साल लाखो भाविक भगवान विठ्ठल-रुखमाई के पावन दर्शन के लिये आषाढी वारी करते हुए, भक्तीनाम स्मरण करते हुए यहाँ पहुंचते हैं। यह महाराष्ट्र का एक ऐतिहासिक मंदिर है। हर साल लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालु आते हैं। पिछले सात सौ वर्षों से महाराष्ट्र के पंढरपुर में आषाढ़ महीने की शुक्ल एकादशी के पावन अवसर पर महायात्रा का आयोजन होता है। इसे ‘वैष्णवजनों का कुंभ’ भी कहा जाता है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित हजूर साहिब सचखंड गुरुद्वारा गये थे।

मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में तिरुपति मंदिर की तर्ज पर ही यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर का भव्य निर्माण किया गया, इसे यदाद्रीगिरीगुट्टा मंदिर भी कहा जाता है। ईश्वर के प्रति के.सी.आर की असीम आस्था है। वो हर धर्म, हर जाति और हर समुदायों के लोगों को हमेशा साथ लेकर चलते हैं और सभी को समानता का अधिकार मिले, इसके लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं।

हमारी बी.आर.एस पार्टी और के.सी.आर सरकार का नारा है – अबकी बार, किसान सरकार। वो किसानों के हक़ में महाराष्ट्र की राजनीति और नीतियों पर भी सवाल उठाते रहे हैं, एक अन्नदाता का जीवन कितनी कठिनाइयों से भरा हुआ होता है, उसकी पीड़ा और उस पर पड़ रहे बोझ से मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव भली-भांति परिचित हैं और इसीलिए वो किसानों के उत्तम स्वास्थ्य और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करने महाराष्ट्र के पंढरपुर में दर्शन के लिए जा रहे हैं।

बात चाहे तेलंगाना के हक़ की लड़ाई की हो या मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश के विकास की, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कभी पीछे नहीं हटते। तेलंगाना में के.सी.आर के आने के बाद से किसानों का जीवन बेहतर बना है, तेलंगाना सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनायी जो आज पूरे देश के लिए पथप्रदर्शक बनी लेकिन तेलंगाना के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में किसानों की हालत बद से बद्तर होती जा रही है जबकि पूरा देश जानता है की महाराष्ट्र आर्थिक रूप से एक सशक्त राज्य रहा है। महाराष्ट्र के किसान आंदोलन करने पर मजबूर हैं। 2021 की तुलना में 2022 में वहां किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों में उछाल देखने को मिला।

आंकड़ों के अनुसार जनवरी से अगस्त 2022 के बीच राज्य के 1,875 किसान अपनी जान दे चुके थे यानी हर महीने 234 से ज़्यादा यानी हर दिन करीब 8 किसान। ये आंकड़े भयावह हैं और यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण। इन चिंताजनक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ही के.सी.आर महाराष्ट्र में 5वीं बार जा रहे हैं। वो किसानों की सशक्त आवाज़ बनकर उभरे हैं। आज देश को एक ऐसे ही नेता की ज़रुरत है जो राजनीति करे तो सिर्फ देश के आम इंसान, किसान, मजदूर, युवा, बुज़ुर्ग और महिलाओं के कल्याण के लिए। जिसे सत्ता का नहीं बल्कि जनता की सेवा का जुनून हो।

विश्व के सबसे बड़े आदिवासी मेले ‘सम्मक्का सरलाम्मा जतरा’ (Sammakka-Saralamma Jatara) का आयोजन तेलंगाना में किया जाता है, इसे आदिवासियों का महाकुंभ भी कहा जाता है। मेडारम जातरा में केवल तेलंगाना के ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में आदिवासी आकर सम्मक्का सारलम्मा की पूजा अर्चना करते हैं। वहीँ लोगों के कल्याण के लिए पांच दिवसीय ‘अयुथा चंडी महायज्ञम’ और यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर का भव्य निर्माण ये साफ़ दर्शाता है कि मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव हर धर्म, हर जाति और हर समुदाय का सम्मान करते हैं और उनकी धार्मिक भावनाओं को सबसे ज़्यादा महत्त्व देते हैं। महाराष्ट्र को भी ऐसे ही नेता की ज़रुरत है, जो देश के अन्नदाताओं और आम जनता के सुख़-दुःख में उसका साथी बन सके।

अब वक़्त आ गया है जब महाराष्ट्र के लोगों को भी ये सोचने की ज़रूरत है कि आज के इन कठिन हालातों में मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव महाराष्ट्र के लोगों की आवाज़ बन रहे हैं, उनके बुनियादी मुद्दे उठा रहे हैं, किसानों के हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं ऐसे में महाराष्ट्र की जनता भी मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव का साथ दे। देश और प्रदेश के विकास के साथ-साथ अन्नदाताओं और जनता का विकास भी ज़रूरी है। सबको साथ लेकर चलना चाहे वो विकास की बात हो या धर्म की, ये सिर्फ के.सी.आर ही कर सकते हैं। के.सी.आर के पास विज़न है, उनमें लोगों के लिए काम करने की इच्छा और नियत भी है और तेलंगाना इसका जीता-जागता उदाहरण है।

कहते हैं एक भक्त जब संसार के हित की कामना से पूजा-अर्चना करता है तब ईश्वर भी उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसे अपना आशीर्वाद देते हैं। हमें पूरा विश्वास है कि महाराष्ट्र के लोगों और हमारे अन्नदाताओं के बेहतर भविष्य और ख़ुशियों के लिए की जाने वाली पूजा भगवान विठ्ठल ज़रूर सफल करेंगे।

के. कविता (एमएलसी)
तेलंगाना विधान सभा