MP Weather: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में नौतपा के चौथे दिन भी सूरज के तेवर मद्धम ही रहे। प्री मानसून में 15 से ज्यादा जिलों में तेज हवा चली। 10 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। सबसे ज्यादा गुना में 37 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। इसी के साथ टेंपरेचर में भारी कमी दर्ज की गई। सागर में भी आंधी तूफान ने तबाही मचाई। शहर में रात 1 बजे तेज हवा और धूलभरी आंधी चली। इसके बाद गर्जना के साथ बारिश शुरू हो गई। शहर के कई हिस्सों में बिजली गुल होने से ब्लैक आउट हो गया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले दो-तीन दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। एक जून के बाद तापमान में एक बार फिर से वृद्धि हो सकती है।
इस बार लू का प्रभाव नहीं
आपको बता दें कि मई में साफतौर पर प्रदेश में लू के हालात बने रहते है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। 10 मई के बाद रतलाम में एक-दो दिन लू की स्थिति रही। एक दिन खरगोन और दो दिन खजुराहो में भी लू के हालात रहे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार भोपाल, ग्वालियर, सागर और चंबल में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, रीवा, नर्मदापुरम और शहडोल संभाग में भी मौसम बदला रहेगा।
श्योपुरकलां, गुना, राजगढ़, विदिशा, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, सागर, शाजापुर, डिंडोरी, आगर-मालवा और सिवनी में ओले गिरने की आशंका है। आज से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय होने से सिस्टम और भी स्ट्रांग हुआ है। इस कारण बारिश, ओले और आंधी का सिलसिला चल रहा है।
एक साथ कई सिस्टम एक्टिव
दरअसल मौसम विभाग के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में सक्रिय है और उत्तरी पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे पाकिस्तान पर साइक्लोन हवाओं का चक्र बना हुआ हैं। तीन सिस्टम सक्रिय हैं। उज्जैन, सीहोर, रायसेन, गुना सहित कई जिलों में आंधी चली। कई जिलों में तेज बरसात हुई, तो कई जगह ओलावृष्टि भी हुई।
इसके अलावा एक द्रोणिका दक्षिण पश्चिम राजस्थान से उत्तरी पूर्वी मप्र तक और एक अन्य द्रोणिका दक्षिण पूर्वी मप्र से तमिलनाडु तक जा रही है। वर्तमान में हवा का रुख भी पश्चिमी, दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है। अरब सागर में एक प्रति चक्रवात बना हुआ है। इस वजह से अरब सागर से भी लगातार नमी भी आ रही है। मंगलवार को एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में एक्टिव होगा, जिससे मौसम का मिजाज बदलेगा और कई हिस्सों में बादल छाने के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।