नई दिल्ली। देश में इस बार मानसून देरी से पहुंचेगा। सबसे पहले मानसून की एंट्री केरल से होती है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून की एंट्री 4 जून को केरल में होगी। बीते साल किसानों को सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ा था जिसकी वजह से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उत्तर प्रदेश के 60 से अधिक जिलों में सूखा देखने को मिला है। वहीं इसकी वजह से किसानों के खेतों में कम पैदावार हुई।
इस बार भी किसानों के लिए कोई अच्छी खबर सामने नहीं आई है। इस बार मानसून में गोरी और कम बारिश की संभावना जताई जा रही है। जिसकी वजह से किसानों को एक बार फिर सूखे की स्थिति में पहुंचने से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
जानिए इस बार कब आयेगा मानसून
मौसम विभाग की माने तो साल 2023 में 19% आबादी को मानसून में सामान्य से कम बारिश देखने को मिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार 13% आबादी को सामान्य से अधिक बारिश की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार 16 मई को इस बार मानसून में देरी देखने को मिलेगी। केरल में सामान्य रूप से दक्षिण पश्चिम मानसून 1 जून को आता है, लेकिन इस बार मानसून केरल में 4 जून को प्रवेश करेगा।
इस बार सामान्य बारिश से सूखे की स्थिति
South Asian seasonal climate Outlook form के अनुसार 52% संभावना है कि उत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होगी, जबकि 40% मध्य में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना जताई गई। वहीं दक्षिण पश्चिम मानसून के मौसम में सामान्य बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा स्काईमेटवेदर का कहना है कि भारत में साल 2023 में मानसून सामान्य से कम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। ला नीना की स्थिति की वजह से 20% तक सूखे का सामना करना पड़ सकता है।
Also Read – मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के तहत इंदौर जिले में एक लाख 21 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण
इन राज्यों में बढ़ेगी किसानों की समस्या
इस बार सामान्य बारिश होने की वजह से कई जगह किसानों को सूखे का सामना करना पड़ सकता है। स्काईमेट वेदर के अनुसार मध्य और उत्तरी हिस्सों में कम बारिश के आसार हैं। मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के मुख्य मानसून महीनों के दौरान कम बारिश की संभावना जताई गई है ,जबकि राजस्थान, हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश में सीजन की दूसरी छमाही में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है मौसम विभाग का कहना है कि ऐसी स्थिति में भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है।