PM मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को मल्टीप्लेक्स में सुनने के लिए जुटी भीड़, सांसद लालवानी का अनूठा आयोजन

ashish_ghamasan
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  • सांसद लालवानी के आयोजन का हाउसफुल शो
  • मल्टीप्लेक्स के बाहर 20×30 फ़ीट की बड़ी स्क्रीन पर भी लाइव प्रसारण हुआ
  • किसान ट्रैक्टर से कार्यक्रम में पहुंचे

इंदौर। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 100 वें एपिसोड का सबसे अनूठा आयोजन इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने करवाया और इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। सांसद शंकर लालवानी ने मन की बात कार्यक्रम के लिए पूरा मल्टीप्लेक्स बुक कर लिया और जहां हाउसफुल शो रहा।

कार्यक्रम में पहुंचें लोगों का तिलक लगाकर एवं भगवा दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में ऐसी भीड़ उमड़ी की थिएटर के अंदर सीढ़ियों पर बैठकर भी लोगों ने प्रधानमंत्री को सुना। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों से किसान एवं ग्रामीणजन ट्रैक्टर पर पहुंचे। मल्टीप्लेक्स की पार्किंग में कारों के साथ ट्रैक्टर भी खड़े नजर आए।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का कार्यक्रम मन की बात बहुत प्रेरणादायक है और यह भावना थी कि इसे इंदौर के प्रबुद्धजनों, गणमान्य नागरिकों एवं आम लोगों के साथ मिलकर सुना जाए। इस कार्यक्रम में शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर, वकील, सीए, इंजीनियर, पूर्व सैनिक, कलाकार, एनआरआई एवं समाज के सभी वर्गों से लोग शामिल हुए हैं। मैं सभी को धन्यवाद देता हूं, यह एक अद्भुत आयोजन रहा। कार्यक्रम के आखिर में राष्ट्रगान भी गाया गया और उपस्थित लोगों ने हर-हर मोदी के नारे लगाए एवं फ्लश लाइट जलाकर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया।

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मुस्लिम महिलाओं ने भी सुना ‘मन की बात’ कार्यक्रम
इसके अलावा जिंसी क्षेत्र में मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुना। सांसद शंकर लालवानी भी यहां पहुंचे और मुस्लिम बहनों से मुलाकात की। तीन तलाक पर कानून के बाद मुस्लिम महिलाओं में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साह नज़र आया।

दृष्टिबाधित बच्चों ने भी प्रधानमंत्री को सुना
इसके अलावा सांसद शंकर लालवानी के माध्यम से मध्यप्रदेश दृष्टिहीन कल्याण संघ में भी आयोजन हुआ जहां बच्चों ने प्रधानमंत्री जी की बातों को सुना।

सेंट्रल जेल में भी हुआ आयोजन
सेंट्रल जेल में भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां बंदियों एवं कर्मचारियों ने कार्यक्रम को सुना। मध्यप्रदेश की जेल में ये अपनी तरह का पहला आयोजन था।