राहुल गांधी संसद में अयोग्य सिद्ध होने के बाद पहली बार वायनाड में जनसभा करने पहुंचे। राहुल ने बीजेपी पर जमकर निशाने साधे। जनसभा में कहा कि 50 बार भी मेरे घर ले लो, मैं वायनाड और देश की जनता के मुद्दों को उठाता रहूंगा। मैं यह 4 साल पहले आया और यहां का सांसद बना था। मेरे लिए जो कैंपेन चला वो अलग तरह का था। वो सोचते है मुझे मेरे घर पुलिस भेजकर या घर लेकर डरा देंगे। लेकिन मेरे घर लेने पर मैं खुश हूं।
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अपनी लोकसभा की सदस्यता के रद्द होने के बाद राहुल गांधी मंगलवार को पहली बार अपने पूर्व सांसदी क्षेत्र वायनाड पहुंचे थे। राहुल गांधी के साथ बहन प्रियंका भी मौजूद थी। राहुल गांधी के स्वागत के लिए कलपेटता पर यूडीएफ के नेता की टोली और कई कार्यकर्ता भरी संख्या में वहां उपस्थित थे।
वायनाड में राहुल गांधी ने रोड शो भी किया। मानहानि मामले में दोषी करार हो जाने पर और उसके बाद सजा मिलने पर बीते महीने उनकी वायनाड से सांसद की सदस्यता निरस्त हो गई थी। जिसके बाद राहुल को सरकारी बंगला करने के आदेश भी दिए गए थे। वही, उन्होंने आदेश का पालन करते हुए बंगला खाली कर अपनी मां के घर में शिफ्ट कर लिया था।
वही, प्रियंका गांधी वाड्रा ने जनता को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार का जमकर विरोध किया। वो कहती नजर आई की गौतम अदानी को बचाने के लिए पूरी सरकार ने हमारे लोकतंत्र को नीचे गिराने का प्रयास कर रही हैं। वहीं पीएम अदानी को बचाने की जिम्मेदारी लेते है। लेकिन, भारत की जनता के प्रति उन्हें अपनी कोई भी जिम्मेदारी नहीं महसूस होती है।
प्रियंका ने अपने भाई के सरकारी बंगले को खाली करने पर भावुक होते कहा कि मैं जब राहुल के घर उनके फर्नीचर को पैक करने में मदद कर रही थी। तब यही सोच रही थी की कुछ समय पहले मैं अपने बच्चों और पति ने मेरी मदद की थी। पर, मेरा भाई तो अकेला उसके लिए अपना कोई परिवार भी नही है।