लखनऊ: कोरोना वायरस के कारण शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए कई राज्यों के स्कूल लम्बे समय से बंद थे, जो कि अब धीरे धीरे राज्य सरकार की कोरोना गाइडलाइन के साथ अब खोले जा रहे है। इस बार यूपी के नए शिक्षण सत्र में योगी सरकार के निर्देशों के आधार पर माध्यमिक शिक्षा विभाग इस साल से माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रो के कक्षों की किताबो में कुछ बदलाव करने जा रही है। योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब शिक्षा विभाग ने चौरा-चौरी की घटना को कक्षों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा। यूपी बोर्ड पाठ्यक्रम में हुए बदलाव के कारण माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र अब चौरी-चौरा जन-आक्रोश के शहीदों की वीरगाथाएं किताबों में पढ़ सकेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में बदलाव को चौरी चौरा जनआक्रोश को शताब्दी समारोह के रूप में मनाए जाने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं यूपी सरकार के इस नए बदलाव के के अंतर्गत पहले चरण में गोरखपुर मंडल के 400 से अधिक राजकीय व एडेड माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को चौरी चौरा स्थल का भ्रमण कराया जाएगा, जिससे सरकार का मानना है, इस भृमण से छात्र वहां के शहीदों की गाथाओं से रूबरू हो सकेंगे।
दरसल यह घटना चौरा-चौरी यूपी के गोरखपुर की है जहा आजादी से लड़ते समय चौरी चौरा में 4 फरवरी 1922 में आजादी के वीर जवानों ने अंग्रेजी हुकूमत से भिड़ंत के बाद पुलिस चौकी में आग लगा दी थी और इस घटना में 22 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी। यूपी की इस घटना को इतिहास में चौरी चौरा जनआक्रोश के रूप में जाना जाता है। यूपी के इस नए निर्णय की वजह से शहीदों के इसी शौर्य की कहानी को अब पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। जिसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा की प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों छात्र चौरी चौरा जनक्रांति में शहीद अपने वीरों के इतिहास से रूबरू हो सकेंगे।
इतना ही चौरी चौरा शताब्दी समारोह के खास दिन यहा प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में चार फरवरी 2021 से आगामी एक साल तक छात्र-छात्राओं के बीच निबंध, चित्रकला व पोस्टर, क्विज, स्लोगन, कविता लेखन व भाषण प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी, जिसकी शुरुआत जल्द ही होगी।