मध्यप्रदेश का पुलिस विभाग रिश्वत और अड़ीबाजी के मामले में नम्बर वन पर हैं. शायद ही ऐसा कोई जिला होगा जहां ऐसे कोई मामले सुनने में ना आये हो अब तो बड़े स्तर के अधिकारीयों के नाम भी इन मामलो में सामने आने लगे है. ताजा मामला एक डीएसपी का सामने आया है. डीएसपी ने लोकायुक्त पुलिस बनकर नागरिक बैंक के प्रबंधक से एक लाख रुपए की अड़ीबाजी की है.
इस मामले में लोकायुक्त डीएसपी बनकर गंजबासौदा विदिशा में नागरिक बैंक के प्रबंधक से रुपए मांगने के आरोप में डीएसपी योगेश कुरचानिया को पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने निलंबित कर दिया है. उनके विरुद्ध जांच भी शुरू की गई है. उधर इस मामले में संलिप्तता पाए जाने पर बासौदा थाने में दर्ज प्राथमिकी में आरोपित डीएसपी का नाम भी जोड़ दिया गया है.
कुरचानिया भोपाल में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त में कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक डीएसपी के पद पर थे. छह फरवरी को उन्हें लोकायुक्त से स्थानांतरित कर पुलिस मुख्यालय में कार्यवाहक डीएसपी के पद पदस्थ किया गया था, वह लोकायुक्त से कार्यमुक्त भी हो गए थे. शुक्रवार को नागरिक बैंक में पहुंचे दो लोगों ने बैंक प्रबंधक के विरुद्ध लोकायुक्त में प्रकरण होने की बात कहते हुए रुपए मांगे थे. प्रबंधक को शंका हुई तो उन्होंने दोनों से पूछताछ की और अपने साथ आए दो सहयोगियों के साथ उन्हें पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया गया. इस दौरान यह सामने आया कि कुरचानिया भी वहां पर थे.
ऐसे सामने आया सच
लोकायुक्त डीएसपी योगेश कुरचानिया गंजबासौदा विदिशा में नागरिक बैंक पहुंचे थे. योगेश कुरचानिया का बैंक में परिचय पत्र भी गिरा मिला था. पूछताछ में संलिप्तता पाए जाने पर उन्हेें भी आरोपित बनाया गया है और पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने उन्हें निलंबित भी कर दिया है. साथ ही उनके खिलाफ बासौदा थाने में भी मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.