इंदौर : उद्यानिकी एवं नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह आज इंदौर आये। यहां उन्होंने रेसीडेंसी में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। सर्वप्रथम उन्होंने नर्मदा घाटी विकास विभाग के अधिकारियों, इंजीनियरों एवं निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधियों की बैठक में सिंचाई परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने संभाग में उद्यानिकी विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की जिलेवार समीक्षा की।
मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह ने नर्मदा घाटी विकास विभाग की बैठक में निर्देश दिये कि सभी अधिकारी सिंचाई परियोजनाएं निर्धारित समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरी करें। कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतें। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं के लिये जल्द ही जल उपभोक्ता समितियों का गठन किया जाये।
सिंचाई परियोजनाओं के संचालन में इन जल उपभोक्ता समितियों का सक्रिय सहयोग लें। इन्हें प्रशिक्षण दें।
राजस्व वसूली में इनका सहयोग लिया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही जल उपभोक्ता समितियों का संभागवार सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा करने पर विशेष ध्यान दें। कार्य में पूर्ण गुणवत्ता का ध्यान रखा जाये। परियोजनाओं का राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से निरीक्षण कराया जायेगा। जिन परियोजनाओं का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है उनकी शेष औपचारिकताएं पूर्ण कर कार्य शीघ्र प्रारंभ कर दिया जाये।
उन्होंने मुख्य रूप से नर्मदा मालवा गंभीर लिंक परियोजना, नर्मदा मालवा शिप्रा लिंक परियोजना, ओंकारेश्वर परियोजना, इंदिरा सागर परियोजना, झाबुआ, पेटलावद परियोजना, जोबट परियोजना आदि की प्रगति की समीक्षा की। बताया गया कि ड़ेढ लाख हेक्टेयर क्षमता की माण्डव परियोजना का प्रस्ताव तैयार हो गया है। इसी तरह एक 85 करोड़ रूपये की डही परियोजना का काम शीघ्र होने वाला है। उद्यानिकी से जुड़े किसानों को किया जाये प्रोत्साहित उद्यानिकी राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह ने रेसीडेंसी में ही उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की जिलेवार समीक्षा की।
उन्होंने निर्देश दिये कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिये उद्यानिकी से जुड़े किसानों को प्रोत्साहित किया जाये। इन किसानों को प्रशिक्षण दिया जाये। जो किसान जिस क्राफ्ट का है उसे उसी क्राफ्ट के उन्नत कृषकों के खेतों का भ्रमण कराया जाये। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिये योजनाओं का भरपूर लाभ दें। उनको कोल्ड स्टोरेज, पॉलीहॉउस, शेडनेट हॉउस, राइनिंग चेम्बर आदि के लिये तकनिकी एवं वित्तीय मदद भी दें। बताया गया कि इंदौर संभाग में उद्यानिकी का रकबा 3 लाख 55 हजार 917 हेक्टेयर है। इसमें फल, सब्जी, मसाला, पुष्प आदि की खेती हो रही है।