अच्छी शिक्षा के दावों की खुली पोल, MP में 2621 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं, कैसे पढ़ेंगे बच्चे?

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मध्यप्रदेश में जहां एक और शासन नई शिक्षा निति की बातें कर रहा है. सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावें किए जा रहे है वहीं इन स्कूलों में किस प्रकार से शिक्षा दी जा रही है उसको बयांन करती एमपी एजुकेशन पोर्टल की एक रिपोर्ट सामने आई है.जिसमे प्रदेश के 10 हज़ार से ज्यादा के स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे है एक और जहां हज़ारो सविदा शिक्षक सिर्फ परीक्षा व् नौकरी के इंतज़ार में बैठे है और दूसरी और बच्चे शिक्षक के इंतज़ार में लेकिन सरकार सोते हुए सिर्फ अच्छी शिक्षा व्यवस्था के सपने देख रही है ये आकड़े वाकई चौकाने वाले है

हज़ारी की संख्या में स्कूल जहां सिर्फ एक शिक्षक

एमपी एजुकेशन पोर्टल के मुताबिक पूरे मध्यप्रदेश के 74 हजार सरकारी स्कूलों में से 2621 हजार स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है. जबकि प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. अब आप ही सोचिए कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो कैसे स्कूलों का रिजल्ट सुधरेगा?

ये है स्थिति सरकारी स्कूलों की

प्रदेश के 10 हज़ार से ज्यादा स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे हो रहे संचालित, प्रदेश में 40 हजार के करीब अतिशेष शिक्षक स्कूलों में खाली बैठे.
प्रदेश के 2621 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं, जबकि 10043 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के सहारे

प्रदेश के महानगरों में में भी हाल बेहाल

भोपाल के ग्रामीण क्षेत्र फंदा और बैरसिया में 9 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है, जबकि 41 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक है. भोपाल के अन्य स्कूलों में 1159 सरप्लस टीचर हैं, जो खाली बैठे हैं. इंदौर में 11 स्कूल जहां एक भी शिक्षक नहीं है. 45 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक जबकि 1669 शिक्षक सरप्लस खाली बैठे. ग्वालियर में 23 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है. 137 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे. वहीं 1215 सरप्लस टीचर खाली बैठे. जबलपुर में 15 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं. 135 में स्कूलों में सिर्फ एक टीचर. 966 सरप्लस टीचर खाली बैठे.