चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में लाइफ की प्रत्येक समस्याओं का हल बताया है. चाणक्य का नीति शास्त्र न सिर्फ मनुष्य का गाइडेंस करता है, बल्कि बुलंदियों तक पहुंचने के अद्भुत तरीके भी बताता है. उन्होंने अपने नीति शास्त्र में संसार की सबसे शक्तिशाली चीज का भी उल्लेख किया है.
आचार्य चाणक्य को भारत का महान विद्वान और अर्थशास्त्री कहा जाता है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में लाइफ की समस्त परेशानियों का हल बताया है.उन्होंने अपने नीति शास्त्र में विश्व की सबसे स्ट्रांग चीज का भी उल्लेख किया है. चाणक्य का कहना है कि वक्त संसार की सबसे पॉवरफुल चीज है. एक बार मनुष्य समय का महत्व समझ ले तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसे लोगों के पास हर कठिनाई का तोड़ होता है.
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वक्त का सदुपयोग आवश्यक
हमें बाल्यावस्था से ही घर या विद्यालयों में टाइम के सदुपयोग का महत्व समझाया जाता रहा है. चाणक्य ने भी अपने नीति शास्त्र में इसका उल्लेख किया है. वह वक्त को संसार की सबसे बलवान वस्तु मानते हैं. टाइम सबके लिए समान है. ये कभी अमीर-गरीब या ऊंच-नीच नहीं देखता है. वक्त न तो किसी के लिए ठहरता है और न ही वापस लौटकर आता है. इसलिए जिसने वक्त का मूल्य समझ लिया, वो जीवन में कभी कसी भी चिक से मात नहीं खा सकता है.
टारगेट की प्राप्ति
चाणक्य कहते हैं कि वक्त मनुष्य की तकदीर को बदलने में बिल्कुल विलंब नहीं लगाता है. जो व्यक्ति लक्ष्य को पाने के लिए सही वक़्त पर फैसला ले लेते हैं, उन्हें निश्चित रूप से ही सफलता मिल जाती है. उन्हें फ्यूचर में बेहद कम मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. और ये सब टाइम के महत्व को समझने और उसके सदुपयोग के चलते संभव हो पाता है.
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
चाणक्य के मुताबिक, वक्त की कीमत समझने वालों पर धन की देवी मां लक्ष्मी अक्सर प्रसन्न रहती हैं. ऐसे लोग सही टाइम पर उचित कार्य करते हैं, इसलिए उनका मार्ग बहुत सरल हो जाता है. उदाहरण के लिए स्कूल लाइफ में स्टूडेंट्स को पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई करनी चाहिए और जवानी में अपने कर्तव्यों के प्रति सजग और ईमानदार रहना चाहिए. जो लोग इस रूल को अपने जीवन में अपना लेते हैं, उन पर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. इसके विपरीत जो लोग आज का कार्य कल पर छोड़ देते हैं या टाइम पर अपने काम को पूरा नहीं करते, वे धन की देवी मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से हमेशा के लिए वंचित रह जाते हैं. ऐसे लोगों के जीवन में धन और सुख के संपन्नता की सदैव कमी बनी रहती है.
अच्छे समय में न करें अभिमान
चाणक्य कहते हैं कि जब किसी मनुष्य का समय अनुकूल चल रहा होता है तो उसमें अभिमान और गुरूर का भाव पेअर पसारने लगता है. ऐसे लोगों में मानवीय गुणों का अभाव होने लगता है. ये लोग अच्छे-बुरे में फर्क करना भूल जाते हैं. लेकिन एक न एक दिन इन्हें अपने किए पर पछतावा जरूर होता है. इनका अभिमान और गुमान देखकर मित्र, रिश्तेदार इनसे दूरियां बना लेते हैं. और जब ऐसे व्यक्ति का बुरा समय शुरू होता है तो इनकी सहायता करने कोई भी आगे नहीं आता है.