इंदौर(Indore) : आकांक्षा व्यवहारे की उम्र सिर्फ 14 साल है लेकिन उनके हौसले बहुत बड़े हैं। अपने वेट कैटेगरी में कई राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम करने के बाद टॉप डेवलपमेंट लिस्ट में नाम दर्ज करा चुकीं आकांक्षा पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स (Khelo India Youth Games) में खेलने के लिए तैयार हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुकीं आकांक्षा इस प्लेटफार्म का पहली बार उपयोग करने को लेकर काफी उत्साहित और रोमांचित हैं। भारत की ओलंपिक पदकधारी वेटलिफ्टर मीराबाई चानू (mirabai chanu) की राह पर चलने की इच्छा रखने वाली मनमाड़ में अभ्यास करती हैं।
आकांक्षा अपने देश के लिए पदक जीतना चाहती हैं। आकांक्षा ने कहा,- मैं मीराबाई चानू की तरह बनना चाहती हूं। इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है। उन्होंने कई सारे त्याग किए हैं और इसी कारण वह आज इस मुकाम पर हैं। खेलो इंडिया के लिए साई रिजनल सेंटर औरंगाबाद में प्रैक्टिस कर रहीं आकांक्षा ने बताया कि अपनी प्रेरणास्रोत मीराबाई से वह एक बार मिली हैं और उन्हें काफी अच्छा लगा था।
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आकांक्षा ने कहा – इंटरनेशनल के लिए जाते वक्त मेरी एक बार उनसे मुलाकात हुई है। उन्होंने कहा था कि तुम अच्छा कर रही है। इसी तरह मेहनत करती रहो। सिर्फ और सिर्फ अपने खेल पर ध्यान लगाओ। आकांक्षा ने छोटी सी उमर में ढेर सारी सफलता हासिल की है। मार्च 2022 में आकांक्षा ने ओडिशा नेशनल्स में हिस्सा लिया था और इसमें उन्होंने 40 किग्रा कैटेगरी में 6 नेशनल रिकॉर्ड बनाए थे और गोल्ड जीता था। फिर अगस्त 2022 में आकांक्षा ने पटियाला में आयोजित नेशनल्स में हिस्सा लिया था।
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उसमें 40 किग्रा कैटेगरी में उन्हें गोल्ड मिला था। 2022 में ही आकांक्षा ने मेक्सिको में आयोजित इंटरनेशनल इवेंट में ओवरआल सिल्वर जीता था। स्नैच में मेरा गोल्ड था। वहां मैंने स्नैच में नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। फिर मैंने एशियन यूथ एंड जूनियर चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीता था। उस समय मैंने क्लीन एंड जर्क में 70 किग्रा का नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। मौजूदा समय में स्नैच में 60 किग्रा का तथा क्लीन एंड जर्क में 71 किग्रा का नेशनल रिकॉर्ड है, जो मैंने मोदीनगर में आयोजित खेलो इंडिया रैंकिंग चैंपियनशिप में बनाया था।
साथ ही 40 किग्रा कैटेगरी में 131 किग्रा का नेशनल रिकॉर्ड है। बीते साल टाप्स में आने वाली आकांक्षा मानती हैं कि इस सूची में आने के बाद उनकी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा,-मेरा भी पहला खेलो इंडिया है लेकिन मैं इंटरनेशनल और नेशनल में कई बार खेल चुकी हूं। पहली बार खेलते हुए थोड़ी दिक्कत होती है। कई बार खिलाड़ी अच्छा नहीं कर पाते या कैटेगरी चेंज करने के कारण एडजस्ट नहीं कर पाते लेकिन इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। अपना बेस्ट देने का प्रयास करें।
तमिलनाडु में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में पहली बार 45 किग्रा कटेगरी में खेलने वाली आकांक्षा के मुताबिक खेलो इंडिया इंटरनेशनल स्तर का प्लेटफार्म लगता है। पहली बार इंदौर आने को लेकर उत्साहित आकांक्षा ने कहा,-खेलो इंडिया के दौरान सुविधाएं बहुत शानदार होती हैं और कम्पटीशन का स्तर अच्छा होता है। मैं भी इस वातावरण का अनुभव करने के लिए उत्साहित और रोमांचित हूं। हां, मैंने जहां तक सुना है, यह एक शानदार प्लेटफार्म है।
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