इंदौर : ख्यात कहानीकार श्री नीलेश मिसरा शनिवार, 23 जनवरी 2021 को सुबह 10 बजे इंदौर प्रेस क्लब में ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पत्रकारीय में फुटवर्क की पत्रकारिता की कमी आयी है उसे जिंदा रखने की आवस्यकता है। डिजिटल मीडिया आया है पर कई विकृति भी लाया है। आज एक बटन पर पत्रकारिता हो जाती है, इतना मटेरियल आपके मोबाइल और कम्प्यूटर पर है। श्री मिसरा ने कहा कि मैंने अपना मकान बेच कर गांव कनेक्शन शुरू किया और कोरोना काल मे भी प्रॉफिटेबल था। आज के युग मे हम पेड न्यूज़ नही करते है। लेकिन आप लोगो तक कोई अपना संदेश देने चाहते है तो आमंत्रित है। पर एक समय लगा की बंद करना होगा, लगा भी पर गांव कनेक्शन के फाउंडर के रूप में काफी संघर्ष किया पर फाउंडर का फर्ज है कि वो मजबूत दिखे कमजोर नही।
अब गांव कनेक्शन इनसाइड भी शुरू किया है। गांव की आवाज ईमानदार तरीके से पहुचे। देश का स्वरूप गांव तय करता है पर उसकी आवाज सुनाई नही देती। हम तो खबरों के पोस्ट में है बस ये काम ईमानदारी से पहचाना है पर हम आज इसमे अपनी लाइन जोड़ देते है जो नही होना चाइये। अब आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है। श्री मिसरा ने कहा कि आज ट्रेनिंग नही हो रही है पत्रकारों की, आज के और आने वाले पत्रकारों की बेहतर सिखाया जाए। अपनी स्टोरी का बेहतर प्रेजेक्शन करना जरूरी है।
मैं एजेंसी का पत्रकार हूँ और अच्छा पत्रकार होने के लिए अच्छा श्रोता होना जरूरी है। पर आज हम सुनते नही है टोकते है, धैर्य नही है , आज हम अपने आपको खबर समझने लगे है त्रासदी में भी श्रेय लेते है। कहानियों का सफर इत्तफाक से शुरू हुआ। जो यश मुझे मिला वो कभी मिलेगा भी। जो भी मैन स्टोरी टेलर के रूप में पाया वो गांव कनेक्शन में खर्च किया। पिताजी से कहता हूं जो मिला वो बोनस था। ईश्वर का दिया हुआ।
नेगेटिव बाते नही फैलानी है
हम अनजाने में स्टीरियो टाइप की चीजों को फैलाते है। हम जो लिखते है वो लाख लोगों तक पहुचती है। जो ताकत है हम जो कहते है उसे जिम्मेदारी से पहुचना चाइये। क्योकि कोई बात पत्रकार ने कही वह काफी इम्पेक्ट फूल होती हैजो लोग कहानी के माद्यम से कुछ कहना चाहते है वो हमसे जुड़े। हम एक टेलेंट हंट शुरू कर रहे है एक एप लॉन्च किया है उसमें जुड़ियेमें केवल कहानी नही सुनता में दुनिया का अनुभव आप तक लेकर आता हूंसुनाता हूं