जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को उत्तराखंड हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है।
इस मामले पर CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की। इस मामले में ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने कहा कि मामले की हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। ऐसे में पहले सिद्धांत में हाईकोर्ट को सुनवाई करने देनी चाहिए।
जोशीमठ मामले की सुनवाई शुरू होने पर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने उत्तराखंड के वकील से पूछा कि वहां वर्तमान स्थिति क्या है। उत्तराखंड सरकार ने कहा कि वहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार पूरी तरह एक्टिव हैं। हमारी राज्य सरकार पूरा प्रयास कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर करने वालों से कहा कि इस मामले में उत्तराखण्ड हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। तो बेहतर होगा आप उत्तराखंड हाई कोर्ट में अपील दाखिल करें।
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कोर्ट ने याचिकाकर्ता को छूट दी कि वह उत्तराखंड हाईकोर्ट (uttarakhand high court) जा सकता है और वहां इस आपदा को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग कर सकता है। इसी के साथ सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र की ओर से जोशीमठ में प्रभावित लोगों को राहत मुहैया कराने की मांग को भी नकार दिया।
जानकारी के लिए आपको बता दे कि, उत्तराखंड के जोशीमठ में आई दरारें अभी भी लोगों की परेशानियों को बढ़ा रही हैं। लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। 700 से अधिक घरों में दरारों कि चिह्नित किया गया। दरारों के चलते करीब 180 लोग बेघर हो चुके हैं।