हर साल लाखों भारतीय स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन के लिए दूसरे देश जाना पड़ता है। लेकिन अब उन्हें हायर एजुकेशन के लिए फॉरेन जाने विदेश जाने की जरूरत नही है। केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत येल, ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड जैसी यूनिवर्सिटी को भारत में अपने कैंपस खोलने और डिग्रियां प्रदान करने की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए केंद्र ने गाइडलाइन भी जारी की है।
इस गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी विदेशी विश्वविद्यालय को भारत में केंपस खोलने के लिए UGC से परमिशन लेना अनिवार्य होगा। वही भारत में सिर्फ ऑफलाइन पढ़ाई की ही इजाजत होगी तथा ऑनलाइन प्रोगाम और डिस्टेंस लर्निंग की सुविधा नही दे सकेंगे। वही इस संबंध में कई और गाइडलाइन भी जारी किया गया हैं।
UGC ने जारी किया ड्राफ्ट
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGCd) ने गुरुवार को एक ड्राफ्ट जारी कर इस पर लोगों से सुझाव मांगे हैं। इस ड्राफ्ट में विदेशी यूनिवर्सिटीज को पहली बार भारत में प्रवेश और अपना संचालन करने से जुड़ी बातें कही गई हैं। इसके तहत विदेशी यूनिवर्सिटीज के स्थानीय कैंपस घरेलू और विदेशी छात्रों के दाखिले के मापदंड, फीस और छात्रवृत्ति निर्धारित कर सकेंगे। साथ ही वो अध्यापकों और स्टाफ की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र तौर पर काम करेंगे।
All that you may like to know about UGC regulations on Setting up and Operation of Campuses of Foreign Higher Educational Institutions in India is here. Please do watch.https://t.co/DyzVsl3T3n
— Mamidala Jagadesh Kumar (@mamidala90) January 5, 2023
UGC से लाइसेंस लेना होगा अनिवार्य
UGC के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि किसी भी विदेशी विश्वविद्यालय को भारत में अपना कैंपस खोलेने के लिए UGC से लाइसेंस लेना होगा जो 10 साल के लिए वैध होगी। चेयरमैन कुमार ने कहा कि युनिवर्सिटी को UGC की सभी गाइडलाइन का पालन करना होगा। उन्हें यह बताना पड़ेगा की उनके केंपस में क्या पढ़ाई हो रही है तथा सिलेबस क्या है।
भारत में चलाना होगा फुलटाइम कैंपस
UGC प्रमुख ने आगे कहा कि विदेशी शैक्षिक संस्थान भारत के संस्थानों के साथ साझेदारी कर कैंपस स्थापित कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्थानीय कैंपस में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता उनके मुख्य कैंपस के बराबर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशी यूनिवर्सिटीज को भारत में भौतिक रूप में अपना फुल टाइम कैंपस चलाना होगा। वो डिस्टेंस या ऑनलाइन शिक्षा प्रदान नहीं कर सकेंगी।
विदेशी यूनिवर्सिटी में भी मिलेगा आरक्षण ?
विदेशी यूनिवर्सिटी के स्थानीय कैंपस में आरक्षण के सवाल पर कुमार ने कहा कि इस बारे में यूनिवर्सिटी खुद ही फैसला करेगी। इसमें UGC की कोई भूमिका नहीं होगी। हालांकि, जरूरत पड़ने पर आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है। कई विदेशी यूनिवर्सिटीज में ऐसा प्रावधान होता है। उन्होंने कहा कि विदेशों से पैसों का आदान-प्रदान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत किया जाएगा।
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बता दें भारत सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी 2020 में लाई थी। इस पॉलिसी के अनुसार बच्चों में नई इनोवेशन और होलिस्टिक अपरोच के जरिेए नई शिक्षा दी जायेगी। वही इसमें 5+3+3+4 की नीति लाई थी। यह नई पॉलिसी 34 सालों के बाद लागू किया गया है।