इंदौर। सकल दिगम्बर जैन समाज युवा वेलफ़ेयर सोसायटी, इंदौर की दिनांक 1 जनवरी 2023 से 8 जनवरी 2023 तक की समाज के सबसे बड़े तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखरजी की यात्रा स्पेशल ट्रेन चिंतामणि पारसनाथ एक्सप्रेस ट्रेन से होगी। इस यात्रा के लिए सभी यात्रियों का पंजीयन किया गया है।
यात्रा आयोजक राहुल सेठी और युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष यश जैन ने बताया की यात्रा के मुख्य सारथी बनने का सोभाग्य रेखा शरद जी जैन परिवार, मुख्य संघपति राकेश डाली जैन, मुख्य सहयोगी मुकेश पाटोदी परिवार, आरके जैन रानेका, मनीष सपना गोधा, कल्पना सुनिल जैन, संजय निधी जैन, जितेश आभा जैन, रमेश जैन आरोन वाले, वीरेंद्र कुमार जैन परिवार बने है। महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष मेघना जैन और महासचिव सोनम जैन ने बताया की मिलन समारोह बालकृष्ण बाग परिरसर, धार रोड पर रात 8 बजे से रखा गया। इसमें सभी यात्रियों को यात्रा की जानकारी देने के साथ एक दूसरे से परिचय कराया गया। यात्रा के संपूर्ण विवरण वाली पुस्तक का विमोचन समाज प्रमुखों द्वारा किया गया। लाभार्थी परिवार को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वर्ष 2023 की चयनित युवा-महिला प्रकोष्ठ की संपूर्ण टीम की शपथ कराई गई। आपने बताया कि ट्रेन में 1 थ्री टायर एसी कोच, 14 स्लीपर कोच के साथ 1 पेंट्रीकार और 2 एसएलआर कोच सहित कुल 18 कोच की ट्रेन रहेगी। शहर से तीसरी बार लगातार इतनी बड़ी यात्रा निकलेगी। स्पेशल ट्रेन से 1251 समाजजन सम्मेद शिखर जी की यात्रा करेंगे। सभी यात्रियों की टिकिट ऑनलाइन बुकिंग की गई है। यात्रा को सफल बनाने हेतु प्रमुख रूप से हर कोच के लिए 2-2 संयोजक गठित करने के साथ ही सम्मेद शिखर जी में ठहरने की उचित व्यवस्था और भोजन व्यवस्था के लिए टीम गठित की गई है।
यात्रा का इस तरह रहेगा शेड्यूल
आईटी प्रभारी सलोनी जैन और अदिति जैन ने बताया कि यात्रा की शुरुआत नये वर्ष 2023 के पहले दिन 1 जनवरी को शाम 7.30 बजे इन्दौर स्टेशन से होगी। 3 को सभी शिखर जी पहुँच जायेंगे। इस दिन पर्वत के नीचे स्थित सभी मंदिर के दर्शन होंगे। 4 जनवरी को पर्वत की वंदना, 5 को गुणायतन मंदिर में विधान, 6 को आचार्य विमल सागर जी मंदिर से शोभा यात्रा और रात्रि में इन्दौर के लिए रवाना होंगे। 8 जनवरी को सुबह 6 बजे इन्दौर स्टेशन पर यात्रा का समापन होगा।
20 तीर्थंकर की हैं मोक्ष स्थली
यात्रा के सयोजक सुयश जैन, सारथी रेखा जैन और संयोजक कल्पना जैन ने बताया की शिखर जी जैन धर्म के 24 में से 20 भगवान (तीर्थंकर) मोक्ष गए है। इसलिए ऐसी मान्यता है की इस पावन यात्रा को करने और कराने वाले को काफ़ी पुण्य मिलता है। इस यात्रा में इंदौर के साथ मप्र के अनेक ज़िलों में रहने वाले समाजजन शामिल हो रहे है।