भू-गर्भ सरंक्षण को लेकर बिहार सरकार की नई योजना, 80 हजार कुओं का होगा निर्माण

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By Rishabh JogiPublished On: January 16, 2021

पटना : बिहार सरकार हमेशा से जल संरक्ष्रण के लिए कई साडी योजनाए चला रही है। जिन योजनाओ के अंतर्गत तालाबों के निर्माण और उनके बेहतर रख रखाव पर सरकार का विशेष ध्यान रहता है और सरकार ने इस पर काफी खर्च भी किया है। लेकिन इस बार बिहार सरकार भू-गर्भ जल सरंक्षण को लेकर कई तरह की नई योजनायें चलाने जा रही है।जिसमे अब की बार सरकार ने कुओं के संरक्षण पर ज्यादा जोर दिया है। बिहार सरकार ने राज्य के पंचायती राज विभाग ने बिहार के विभिन्न जनपदों के 80 हजार कुओं का कायाकल्प करने की तैयारी जुट चुकी है और इसके लिए योजनावद्ध तरीके से कार्य शुरू हो गया है।

इस योजना के तहत विभाग की ओर से इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है, जिसके बाद इन सभी कुओं की सूची तस्वीर के साथ विभागीय पोर्टल पर अपलोड किए जाने की योजना है। भू-गर्भ सरंक्षण को लेकर बिहार पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के अनुसार कुओं के निर्माण के जरिये काफी हद तक जल सरंक्षित किया जा सकता है।फ़िलहाल विभाग ने कुओ की सूची जुटाई है जिसके बाद जल्द ही कुओ की निर्माण का कार्य शुरू हो जायेगा। कुओ के निर्माण के बाद तैयार कुओ की तस्वीर को पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा। जिससे जानकारी मिलने में मदद होगी की कौन कौन से कार्य कराये गए है और कोनसे अभी बाकि है। इसके जरिये ये भी देखा जायेगा की पहले के कुए और अब कुओं में क्या फर्क आया है।

योजना के तहत 80 हजार कुओ कायाकल्प करने की तैयार है विभाग
बिहार सरकार ने पंचायतीराज विभाग को सौंपी जिम्मेदारी के अनुसार बिहार के विभिन्न जनपदों के 80 हजार कुओं का कायाकल्प किया जाना है। जिसके लिए योजनावद्ध तरीके से कार्य शुरू भी हो चूका है। इसके साथ ही कुओं के पास एक सोख्ता गढ्ढा भी खोदा जाएगा ताकि वाटर लेबिल की समस्या न हो।

पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि विभाग ने कुओं के जीर्णोद्धार के लिए मानक तय कर दिए गए हैं. बताया गया है कि सभी कुओं के जीर्णोद्धार के बाद उसके पास ही में एक सोख्ता का भी निर्माण किया जाएगा. ताकि कुएं का पानी उपयोग के बाद बहकर सोख्ता में ही जाए, जिससे भू-गर्भ जलस्तर मेंटेन रहे। बता दे की सरकार कुओ के निर्माण में लगभग 60 हजार करोड़ खर्च करेगी। जिस खर्चे में कुओं की उड़ाही के बाद उनकी साफ-सफाई की जाएगी। साथ ही कुओं के चारों ओर पक्के प्लेटफॉर्म का निर्माण कराया जाएगा और लोहे की जाली से कुएं को ढक दिया जाएगा, ताकि उसमें कचरा अथवा कोई जानवर नहीं गिरे।