संसद में शीतकालीन सत्र शुरू हो चूका है जिसके बाद आज भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi) ने राज्यसभा में 2000 रुपये के नोट को बैन करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये का नोट का मतलब ब्लैक मनी हो चुका है। सरकार को 3 साल का जनता को समय देकर धीरे-धीरे 2000 रुपये के नोट को वापस ले लेना चाहिए।
क्यों जरुरी है 2000 के नोट को बंद करना
साथ ही राज्यसभा (Rajya Sabha) में कहा कि नोटबंदी (Demonetisation) के बाद साल 2016 में चलाए गए 2000 के नोटों का गलत उपयोग किया जा रहा है। लोग इस नोट का इस्तेमाल जमाखोरी के लिए कर रहे हैं। बीजेपी सांसद ने कहा कि इसका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों और गैर-कानूनी व्यापार में हो रहा है। जिसकी वजह से सरकार को इसे बंद कर देना चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा, 2000 के नोट क्षणिक तौर पर लाए गए थे। आरबीआई ने 3 साल से छपाई बंद कर दी है। अब बाजार में ये नोट नहीं दिखते। लोगों ने इसे जमा कर रखा है। इसका इस्तेमाल काले धन के तौर पर हो रहा है। सरकार को इसे बैन करने पर विचार करना चाहिए। वहीं सुशील मोदी ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान ये मुद्दा उठाया।
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बता दें प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने 8 नंवबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान करते हुए 1,000 और 500 रुपये के पुराने नोट को रद्द कर दिया था। सरकार ने कुछ दिनों बाद इसकी जगह पर 500 रुपये और 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए थे। सरकारी जानकारी के मुताबिक, कुछ साल बाद आरबीआई ने 2000 रुपये के नए नोट छापना बंद कर दिया है, हालांकि यह अब भी आधिकारिक मुद्रा है।